पटना। बिहार में इस बार भी तरह- तरह के प्रयासों के बाद भी लोकसभा चुनाव में मतदान(Bihar Lok Sabha Election) का औसत नहीं बढ़ा है। सात फेज में हुए लोकसभा चुनाव में न सिर्फ 9 संसदीय क्षेत्रों में मतदान का औसत 60 फीसदी से अधिक रहा। 4 सीटों पर तो 50 फीसदी से भी कम वोटिंग हुई। इस बार बिहार में सबसे ज्यादा वोटिंग का प्रतिशत कटिहार में रहा है। कटिहार में वोट का प्रतिशत 63.76 फीसदी रहा है। सातवें चरण में अन्य 6 चरणों का औसत मतदान 2019 के चुनाव के मुकाबले कम हुआ है।
इस बार वोटिंग में हुई वृद्धि हुई
2019 में हुए मतदान का औसत 51.24 था। इस बार इसमें लगभग 2 फीसदी की वृद्धि देखी गई है। जिन 9 संसदीय क्षेत्रों में मतदान का प्रतिशत 60 फीसदी से ज्यादा रहा है। इन 9 संसदीय क्षेत्रों में कटिहार, सुपौल, पूर्णिया, किशनगंज, वैशाली, पश्चिमी चंपारण,वाल्मीकिनगर,समस्तीपुर और अररिया शामिल है। पटना साहिब, जहानाबाद, काराकाट, बक्सर, पाटलिपुत्र और वैशाली में 2019 के मुकाबले में वोटरों ने इस बार ज्यादा उत्साह व जोश दिखाया है। इसी वजह से आखिरी चरण में मतदान का औसत थोड़ा बढ़ गया है।
पटना साहिब की स्थिति में आया सुधार
अब तक प्राप्त आकंड़ो के अनुसार पटना साहिब में सबसे कम वोटिंग के आंकड़े में वृद्धि हुई है। यहां के आधे से ज्यादा वोटरों ने इस बार वोट नहीं दिया है। जहानाबाद और पाटलिपुत्र में पिछले साल में मतदान के आंकड़े मे बढ़ोतरी हुई है।वोटिंग के मामले में 10 संसदीय क्षेत्र मतदान के मामले में सबसे आगे रहा है। कटिहार में वोट का प्रतिशत 63.76, सुपौल में 63.55, पूर्णिया में 63.08, किशनगंज में 62.59, वैशाली में 62.59, अररिया में 61.93, पश्चिचमी चंपारण में 61.93, वाल्मीकिनगर में 60.19, समस्तीपुर में 60.11, पूर्वी चंपारण में 59.68 प्रतिशत रहा है।