पटना। भीषण गर्मी के बीच संसदीय चुनाव(Lok Sabha Election)कुल 80 दिनों में 4 जून को पूरा होने जा रहा है। अंतिम चरण(Lok Sabha Election) तक आते-आते यह आम जनता के साथ-साथ नेताओं के लिए भी थकाऊ और ऊबाउ होते जा रहा है। लोकतंत्र का यह त्योहार पहली बार मतदाताओं के लिए जरुरी और यादगार पल […]
पटना। भीषण गर्मी के बीच संसदीय चुनाव(Lok Sabha Election)कुल 80 दिनों में 4 जून को पूरा होने जा रहा है। अंतिम चरण(Lok Sabha Election) तक आते-आते यह आम जनता के साथ-साथ नेताओं के लिए भी थकाऊ और ऊबाउ होते जा रहा है। लोकतंत्र का यह त्योहार पहली बार मतदाताओं के लिए जरुरी और यादगार पल बनकर हमेशा याद रहेगा। इस चुनाव के दौरान महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा अपने अधिकारों को समझा है और एक जिम्मेदार नागरिक के तौर पर अपने मतदान का उपयोग किया है।
लोकसभा चुनाव को संपन्न होने में 80 दिन और 7 चरण का समय लगा, लेकिन आखिरकार यह 4 जून को अपने मुकाम पर पहुंच जाएगा। इन 80 दिनों के बीच नामांकन , नामांकन पत्रों की जांच-पड़ताल, नामांकन पत्र की वापसी एवं चुनाव प्रचार की प्रक्रिया को पूरा किया गया। 16 मार्च को लोकसभा चुनाव की घोषणा की गई थी।अंतिम चरण का चुनाव प्रचार 30 मई को समाप्त हुआ और मतदान 1 जून को होगा।7 चरणों में संपन्न हुए चुनाव की प्रक्रिया को 4 जून की मतगणना के बाद पूर्ण किया जाएगा। कल के दिन यानि 1 जून को सातवें चरण में मतदान होना है। कल वोटिंग का आखिरी दिन है।
चुनाव की घोषणा के बाद से ही राजनीतिक दल जोर-शोर से चुनाव की तैयारी में लग गए थे। प्रमुख विभागो के काम करने की रफ्तार में तेजी आ गई थी। पुलिस व जवान चुनाव की ड्यूटी में लग गए। यदि पिछले चुनाव की बात की जाए तो 2019 के चुनाव 73 दिनों में पूर्ण कराए गए थे। 2019 के चुनाव में 11मार्च को चुनाव की घोषणा की गई थी। चार सीटों पर 11 अप्रैल को, पांच सीटों पर 18 अप्रैल को, 23 ,29 और 6 मई को आठ-आठ सीटों पर मतदान कराए गए थे। पिछले चुनावों की 23 मई को मतणना की गई थी। इस वर्ष बिहार में 7 चरणों में चुनाव संपन्न कराए जाएंगे।
देश में सबसे लंबी प्रक्रिया में चुनाव को पूरा कराया जा रहा है। चुनाव आयोग ने वोट को बढ़ाने और वोटरों की सुविधा के लिए कई तरह की नई पहल की है। मतदाता सूची में संशोधन व नए मतदाताओं के नाम को शामिल किया गया है। इस बार पहले मतदान, फिर जलपान का संदेश दिया गया है। वोट देने आए वोटरों के लिए धूप से बचने के लिए छाया की व्यवस्था की गई। धूप से बचने के लिए शामियाने लगाए गए थे। वोटरों के बैठने व पीने के पानी की व्यवस्था की गई। आपातकालीन स्थिति से बचने के लिए मेडिकल किट का इंतजाम किया गया था।