May Panchak 2024: आज से न भूलकर भी न करें किसी नए काम की शुरूआत, शुरू हो रहे हैं मई माह के दूसरे पंचक

पटना। ज्योतिष शास्त्र में पंचक काल (May Panchak 2024) को अशुभ माना गया है। ऐसे में 5 दिन बहुत संभलकर रहना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि पंचक में किए गए कार्य अशुभ फल देते हैं। ऐसे में व्यक्ति को भविष्य में धन हानि, रोग से पीड़ित और आग लगने का डर आदि समस्याओं से […]

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May Panchak 2024: आज से न भूलकर भी न करें किसी नए काम की शुरूआत, शुरू हो रहे हैं मई माह के दूसरे पंचक

Nidhi Kushwaha

  • May 29, 2024 1:53 pm IST, Updated 6 months ago

पटना। ज्योतिष शास्त्र में पंचक काल (May Panchak 2024) को अशुभ माना गया है। ऐसे में 5 दिन बहुत संभलकर रहना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि पंचक में किए गए कार्य अशुभ फल देते हैं। ऐसे में व्यक्ति को भविष्य में धन हानि, रोग से पीड़ित और आग लगने का डर आदि समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। ऐसे में पंचक के अशुभ प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर न पड़े, इसके लिए कोई भी शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। पंचक हर महीने आते हैं लेकिन इस बार मई 2024 में पंचक दूसरी बार लग रहे हैं। जानें पंचक के शुरू होने और समाप्त होने का समय।

कब से कब तक रहेंगे पंचक

इस बार 29 मई 2024 को रात 08.06 बजे पंचक शुरू हो जाएंगे। जिसके बाद इसका समापन 3 जून 2024, सोमवार को प्रात: 1 बजकर 40 मिनट पर होगा। ऐसे में अगर आप कोई काम शुरू करना चाहते हैं तो 3 जून तक का इंतजार करें।

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, पंचक वार (May Panchak 2024) के अनुसार तय होते हैं। साथ ही चंद्रमा (Moon) धनिष्ठा, पूर्वा भाद्रपद, रेवती, उत्तरा भाद्रपद, शतभिषा, नक्षत्र में से गुजरता है तो पंचक लगते हैं। वहीं बुधवार से शुरू होने वाले पंचक दोष रहित (Panchak dosh) होते हैं। इन्हें अशुभ नहीं माना जाता है। हालांकि, बुधवार से शुरू होने वाले पंचक में भी कुछ काम करना वर्जित होता है।

इन कामों को न करें

पंचक के दौरान शादी, मुंडन, गृह प्रवेश, गृह निर्माण आदि जैसे शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। पंचक की अवधि में चारपाई बनवाने या छत ढलवाने जैसे कार्य करना भी अशुभ माना गया है। साथ ही पंचक के दौरान पैसों के लेन-देन से जुड़े कार्य भी नहीं करने चाहिए। इससे धन हानि की संभवाना बनी रहती है। इसके अलावा दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। पंचक के दौरान लकड़ी इक्ठ्‌ठा न करें। पंचक में किसी की मृत्यु हो जाए तो दाह संस्कार के समय शव के साथ पांच कुश या आटे के पुतले जलाएं।

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