Tejashwi Yadav: पूर्व डिप्टी सीएम के परिवार से मिलकर भावुक हुए तेजस्वी, बोले बिहार में बीजेपी का मतलब सुशील मोदी

पटना। बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी का हाल ही में 13 मई को कैंसर के कारण निधन हो गया। वहीं आज राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) उनके परिवार से मिलने के लिए पहुंचे। तेजस्वी ने उनके सुशील मोदी के निधन पर श्रद्दांजलि दी और उन्हें याद करते हुए […]

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Tejashwi Yadav: पूर्व डिप्टी सीएम के परिवार से मिलकर भावुक हुए तेजस्वी, बोले बिहार में बीजेपी का मतलब सुशील मोदी

Nidhi Kushwaha

  • May 17, 2024 12:47 pm IST, Updated 6 months ago

पटना। बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी का हाल ही में 13 मई को कैंसर के कारण निधन हो गया। वहीं आज राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) उनके परिवार से मिलने के लिए पहुंचे। तेजस्वी ने उनके सुशील मोदी के निधन पर श्रद्दांजलि दी और उन्हें याद करते हुए भावुक हो गए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सुशील मोदी ने ही बिहार में बीजेपी को बनाया था। बिहार में बीजेपी का मतलब सुशील मोदी ही है। उनका अचानक चले जाना बिहार के लिए बड़ी राजनीतिक क्षति है। तेजस्वी ने कहा कि उनके पिता एवं आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का सुशील मोदी से गहरा रिश्ता था। दोनों छात्र जीवन से ही साथ रहे।

सुशील मोदी के परिवार से मिले तेजस्वी

बता दें कि आज शुक्रवार (17 मई) को तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने पटना में स्थित सुशील मोदी के आवास पर जाकर उनके परिजनों से मुलाकात की और उन्हें ढांढ़स बंधाया। तेजस्वी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहाकि सुशील मोदी ने जब खुट ट्वीट किया था तब उनकी तबीयत खराब होने की जानकारी मिली थी। उसके बाद लालू यादव ने उनसे से बात भी की थी। मगर इतनी जल्दी सबकुछ हो जाएगा इसका अंदेशा हमें नहीं था। खैर ईश्वर जो चाहे वो अलग बात है। लेकिन राजनीतिक तौर पर बिहार को बड़ी क्षति हुई है।

लालू यादव से पुराना संबंध था

तेजस्वी ने आगे कहा कि सुशील मोदी ने चाहे सरकार में रहते हुए या विपक्ष में रहकर जो भी काम किया, वो मजबूती में किया। बिहार में बीजेपी को बनाने में सुशील मोदी की सबसे बड़ी भूमिका है। इस दुख की घड़ी में उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना है। तेजस्वी ने कहा कि लालू यादव से सुशील मोदी का बहुत पुराना संबंध रहा। छात्र जीवन से दोनों साथ थे, साथ पढ़े-लिखे, साथ चुनाव लड़े। लालू अध्यक्ष बने तब ये सेक्रेटरी बने थे। भले ही दोनों की विचारधारा और पार्टी अलग थी लेकिन उनका मिलना-जुलना लगा रहता था।

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