पटना। लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर सभी पर्टियों में नेताओं की दल-बदल जारी है। इसी बीच आज (30 अप्रैल) को वैशाली के पूर्व सांसद बाहुबली नेता रामकिशोर सिंह उर्फ रामा सिंह (Rama Singh) ने राष्ट्रीय जनता दल से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने मीडिया के सामने इसका औपचारिक ऐलान कर दिया है। रामा सिंह वैशाली लोकसभा […]
पटना। लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर सभी पर्टियों में नेताओं की दल-बदल जारी है। इसी बीच आज (30 अप्रैल) को वैशाली के पूर्व सांसद बाहुबली नेता रामकिशोर सिंह उर्फ रामा सिंह (Rama Singh) ने राष्ट्रीय जनता दल से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने मीडिया के सामने इसका औपचारिक ऐलान कर दिया है। रामा सिंह वैशाली लोकसभा क्षेत्र या शिवहर लोकसभा क्षेत्र के लिए महागठबंधन से टिकट की मांग कर रहे थे, लेकिन आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने उन्हें दोनों जगह में से कहीं भी उम्मीदवार नहीं बनाया।
आरजेडी ने वैशाली से मुन्ना शुक्ला को और शिवहर से रितु जायसवाल को चुनावी मैदान में उतारा गया। अब ऐसा माना जा रहा है कि आरजेडी नेता रामा सिंह बुधवार को एलजेपी (आर) में शामिल हो सकते हैं।
पूर्व राजद नेता रामा सिंह (Rama Singh) ने राजद से इस्तीफा देने को लेकर कहा, RJD की नीतियों से आहत होकर बहुत कम समय में ही मुझे वहां से इस्तीफा देना पड़ा। हमने RJD के विपरीत करीब 30 साल तक राजनीति की। हमने मूल्यों पर आधारित राजनीति की है। उससे समझौता हमने कभी नहीं किया है। कम समय में ही हमें महसूस हुआ कि जहां विचारों में संकीर्णता आ जाए वह किसी भी जनप्रतिनिधि, राज्य, राष्ट्र और समाज के लिए उचित नहीं है।
दरअसल, इसका मुख्य कारण बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव अधिसूचना के पहले रामा सिंह पार्टी गाइडलाइन से हटकर लगातार अपनी ताकत दिखाने की कोशिश में थे। उन्होंने कई बार मिलर स्कूल मैदान में और अन्य जिलों में जा-जाकर अपनी ताकत और राजपूत एकता का प्रदर्शन भी किया , जिसका कोई फायदा नहीं हुआ। इसके बाद अंत में रामा सिंह ने पार्टी की सदस्यता को खत्म करने का फैसला किया।
वहीं रामा सिंह की पत्नी वीणा देवी अभी आरजेडी में बनी हुई हैं और वह आरजेडी के सिंबल पर महनार विधानसभा से विधायक हैं। रामा सिंह के इस्तीफे के बाद ये कयास लगाए जा रहे हैं कि वह वैशाली लोकसभा क्षेत्र या शिवहर लोकसभा में क्षेत्र दांव खेल सकते हैं। क्योंकि शिवहर में एनडीए प्रत्याशी बाहुबली आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद चुनावी मैदान में हैं और आनंद मोहन रामा सिंह के धुर विरोधी माने जाते हैं।
वैशाली और शिवहर में छठवें चरण में मतदान होना है। जिसके लिए 29 अप्रैल से 6 मई तक नामांकन तिथि निर्धारित है। ऐसे में रामा सिंह के इस्तीफे से ये कयास लगाए जा रहे हैं कि वह दोनों में से किसी एक क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं। इससे एनडीए गठबंधन या इंडिया गठबंधन का खेल बिगड़ सकता है।
बता दें कि राम किशोर सिंह (Rama Singh) बिहार के वैशाली से सांसद रह चुके हैं। उन्होंने लोक जन शक्ति पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर 2014 में लोकसभा चुनाव जीता था। इसमें उन्होंने राजद के उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह को लगभग 1 लाख वोटों से हराया था। आपराधिक पृष्ठभूमि होने के बाद भी उन्हें राजपूत जाति से काफी समर्थन प्राप्त है।
रामा सिंह ने 15 सितंबर 2015 को LJP के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। उस वक़्त रामा सिंह ने रामविलास पासवान की पार्टी पर संगठन में लोकतंत्र खत्म होने का आरोप लगाया था। इसके अलावा रामा सिंह पर हत्या और अपहरण सहित कई अपराधिक मामलों का आरोप है। वो महनार निर्वाचन क्षेत्र से कई बार बिहार विधान सभा के सदस्य भी रह चुके हैं।