पटना। बिहार में महगठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर पेंच फंसा हुआ है। राजद और कांग्रेस में सीट शेयरिंग को लेकर ठनी हुई है। इसी वजह से अब तक सीटों को लेकर ऐलान नहीं किया गया है। कांग्रेस ने राजद द्वारा बिना विचार-विमर्श के चार सीटों पर उम्मीदवारों के ऐलान को लेकर नाराजगी जताई है। […]
पटना। बिहार में महगठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर पेंच फंसा हुआ है। राजद और कांग्रेस में सीट शेयरिंग को लेकर ठनी हुई है। इसी वजह से अब तक सीटों को लेकर ऐलान नहीं किया गया है। कांग्रेस ने राजद द्वारा बिना विचार-विमर्श के चार सीटों पर उम्मीदवारों के ऐलान को लेकर नाराजगी जताई है।
दरअसल राजद ने औरंगाबाद से अभय कुशवाहा, गया से सर्वजीत कुमार, जमुई से अर्चना रविदास और नवादा से श्रवण कुशवाहा को टिकट दिया है। राजद के इस कदम पर कई कांग्रेसी नेताओं ने नाराजगी जताई है। पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि यह गठबंधन धर्म के खिलाफ है।
राजद और कांग्रेस के बीच में पप्पू यादव को लेकर भी रार है। पिछले दिनों पप्पू यादव कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्होंने अपनी पार्टी जाप यानी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय कर लिया। जिस पर राजद ने नाराजगी जताई। पप्पू यादव के लिए राजद मधेपुरा या पूर्णिया सीट नहीं छोड़ेगी। मधेपुरा से पप्पू यादव दो बार 2004 और 2014 में राजद के टिकट से सांसद रह चुके हैं।
कन्हैया कुमार को लेकर भी राजद और कांग्रेस में मतभेद है। बेगूसराय सीट राजद ने पहले ही सीपीआई को दे दी है जबकि कांग्रेस यहां से कन्हैया कुमार को खड़ा करना चाहती थी। अब इसे लेकर राजद और और कांग्रेस में तकरार देखने को मिल रहा है। सीपीआई ने बेगूसराय से अवधेश राय को अपना उम्मीदवार बनाया है।
इधर सीट बंटवारे को लेकर भी दोनों पार्टियां उलझी हुई है। बताया जा रहा है कि लालू यादव कांग्रेस को 5-6 सीट से ज्यादा नहीं देना चाहते हैं जबकि कांग्रेस 2019 के फॉर्मूले पर 9-10 सीटों की मांग कर रही है। 2019 के लोकसभा चुनाव में राजद 19 जबकि कांग्रेस 9 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। बिहार की 40 सीटों में से 39 पर NDA ने कब्ज़ा जमाया था जबकि एक सीट किशनगंज से कांग्रेस के मोहम्मद जावेद ने जीती थी। वहीं राजद का खाता भी नहीं खुला था।