पटना। लैंड फॉर जॉब मामले में बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। सीबीआई ने इस मामले में दिल्ली की अदालत में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है। इसमें अशोक कुमार, बबीता और भोला यादव का जोड़ा गया है। मामला लालू परिवार समेत अन्य सदस्यों से जुड़ा हुआ है। […]
पटना। लैंड फॉर जॉब मामले में बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। सीबीआई ने इस मामले में दिल्ली की अदालत में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है। इसमें अशोक कुमार, बबीता और भोला यादव का जोड़ा गया है। मामला लालू परिवार समेत अन्य सदस्यों से जुड़ा हुआ है। इसे लेकर 14 मार्च को जज विचार विमर्श करेंगे कि दाखिल आरोप पत्र पर संज्ञान लिया जाए या नहीं।
लालू यादव के करीबी भोला यादव उस समय उनके निजी सचिव थे। केंद्र में UPA सरकार थी और लालू यादव रेल मंत्री थे। मामला 2004 से 2009 की है। भोला यादव को सितंबर 2022 में जमानत पर रिहा किया गया था। भोला यादव पर आरोप है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान रेलवे में नौकरी के बदले कई लोगों से जमीनें लिखवाने का इन्होंने काम किया था।
नौकरी के बदले जमीन का घोटाला 14 साल पहले का है। केंद्र में यूपीए की सरकार थी और लालू यादव रेल मंत्री थे। सीबीआई का कहना है कि लोगों को रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर सब्सटीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया था। जब इनका जमीन को लेकर सौदा हो गया तो उनकी नौकरी रेगुलर कर दी गयी। सीबीआई जांच के दौरान ये बात सामने आयी कि रेलवे में सब्सटीट्यूट भर्ती का कोई विज्ञापन या पब्लिक नोटिस जारी नहीं हुआ था। वहीं जिन परिवारों ने लालू यादव को अपनी जमीन दी उनके सदस्यों को जयपुर, हाजीपुर, जबलपुर, कोलकाता, मुंबई और जबलपुर में नियुक्त किया गया था। इसे लेकर सीबीआई का कहना है कि जब लालू यादव रेल मंत्री थे उन्होंने जमीन के बदले 7 अयोग्य उम्मीदवारों को रेलवे में नौकरी दी थी।