पटना। बिहार के सीएम नीतीश कुमार की महागठबंधन से दूरी और NDA से नजदीकियां क्या सिर्फ एक दिन का खेल है? शायद नहीं. चलिए आपको बताते हैं नीतीश कुमार के पलटने की पूरी कहानी कि आखिर किस वजह से नीतीश फिर से बीजेपी का दामन थामने जा रहे है। राजनीति में कोई किसी का सगा […]
पटना। बिहार के सीएम नीतीश कुमार की महागठबंधन से दूरी और NDA से नजदीकियां क्या सिर्फ एक दिन का खेल है? शायद नहीं. चलिए आपको बताते हैं नीतीश कुमार के पलटने की पूरी कहानी कि आखिर किस वजह से नीतीश फिर से बीजेपी का दामन थामने जा रहे है।
कहते हैं राजनीति में सबकुछ जायज है। सियासत में ना कोई परमानेंट दोस्त होता है ना ही कोई दुश्मन होता है और बात जब बिहार और नीतीश कुमार की हो तो ये कहावत पूरी तरह सटीक साबित हो जाती है। पलटी मारने के लिए मशहूर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने अपने फैसले से सियासी दिग्गजों को फिर चौंका दिया है। लोकसभा चुनाव से पहले I.N.D.I.A. गठबंधन को ऐसा झटका दिया कि विपक्षी नेताओं का उबरना आसान नहीं है। करीब 2 साल तक पीएम नरेंद्र मोदी को कोसने वाले नीतीश को, मोदी के सहारे ही 24 की चुनावी नैय्या पार होती दिख रही है। लेकिन, महागठबंधन से दूरी और NDA से नजदीकियां क्या सिर्फ एक दिन का खेल है?
सियासत में पलटने के लिए विश्व विख्यात नीतीश कुमार ने सत्ता की जमीन पर एक बार फिर पलटी मार दी। क्या हुआ कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच दूरी बढ़ गई। कैबिनेट की बैठक हो. विपक्षी नेताओं के साथ मंथन या फिर कोई भी सार्वजनिक कार्यक्रम. बिहार के मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम साथ- साथ दिखाई देते थे। इन्हें देखकर ऐसा लगता था कि नीतीश और लालू परिवार की दोस्ती ताउम्र रहने वाली है। लेकिन, 26 जनवरी की तस्वीरें जिस किसी ने भी देखीं। वो हैरान रह गया। नीतीश और तेजस्वी में सिर्फ एक कुर्सी की दूरी नहीं थी। बल्कि, इनके बीच पैदा हो चुकी वो खाई थी, जो कभी नहीं भर पाएगी।
तेजस्वी यादव को बिहार की बागडोर सौंपने और मिशन 2024 की तैयारियों में जुटी आजेडी को नीतीश कुमार ने बीच मझधार छोड़ते हुए बड़ा झटका दिया. लालू यादव और तेजस्वी को कुछ समझ नहीं आ रहा कि कभी भारतीय जनता पार्टी के साथ ना जाने का दंभ भरने वाले नीतीश को हो क्या गया?
नीतीश कुमार फिर पलटी मारते हुए बिहार में बड़ा खेला कर दिया हैं। इसका इशारा तो उन्होंने 3 महीने पहले ही दे दिया था. लेकिन, आरजेडी को जनवरी 2023 की बात तो ध्यान रही, लेकिन अक्टूबर की नहीं. 31 जनवरी 2023 को उन्होंने कहा कि मर जाएंगे, मोदी के साथ नहीं जाएंगे। वहीं, 19 अक्टूबर 2023 को कहा, ‘हमारी दोस्ती कभी खत्म नहीं होगी.’ जो करीबी कुछ रोज पहले RJD नेताओं के साथ थी, वो नजदीकियां नीतीश की अब बीजेपी नेताओं के साथ है. लालू से नीतीश की राहें जुदा हैं. और नेताओं की बयानबाजी भी इस बात को पुख्ता कर रही है कि RJD नेताओं से सुशासन कुमार किस कदर खफा हैं।
नीतीश कुमार ने साल 1994 में पाला बदला
1974 में छात्र राजनीति के जरिए पॉलिटिक्स में एंट्री मारने वाले नीतीश कुमार अब तक पांच बार पाला बदल चुके हैं.बता दें 1994 में नीतीश जनता दल का हिस्सा थे। जनता दल से निकलने के बाद नीतीश ने 1994 में जॉर्ज फर्नांडीस, ललन सिंह के साथ मिलकर समता पार्टी बनाई और 1995 का विधानसभा चुनाव वामदलों के साथ मिलकर लड़ा।
1996 में दूसरी बार पलटे
इस दौरान जब समता पार्टी को सफलता नहीं मिली, तो उन्होंने वामदलों के साथ अपना गठबंधन तोड़ लिया और एनडीए के साथ आ गए। इस तरह से 1996 में नीतीश कुमार ने दूसरी बार पलटी मारी। नीतीश कुमार का एनडीए के साथ यह सफर साल 2010 तक चला।
2014 को लोकसभा चुनाव अकेले लड़ा
नरेंद्र मोदी को पीएम फेस के रूप में आगे बढ़ाया गया तो नीतीश कुमार NDA से अलग हो गए और 2014 का लोकसभा चुनाव अकेले लड़ा। इस दौरान नीतीश कुमार को दो सीटों पर जीत मिली थी।
2015 में महागठबंधन के साथ लड़ा चुनाव
नीतीश कुमार ने महागठबंधन के साथ 2015 का विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज कराई। इस दौरान नीतीश कुमार बिहार के सीएम तो तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री बने थे। इसके बाद तेजस्वी यादव का नाम जब IRCTC घोटाले में आया तो नीतीश कुमार ने चौथी बार पलटी मारते हुए भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर सरकार बना ली
2020 में रहा था रिजल्ट
2020 विधानसभा चुनाव में एनडीए को 125, महागठबंधन को 110 और एआईएमआईएम, बसपा व दूसरे दलों को 8 सीटें मिली है। बता दें कि उस समय नीतीश कुमार एनडीए के साथ थे।
2022 में 5 वीं बार मारी पलटी
2022 में नीतीश कुमार ने एक बार फिर पाला बदला और महागठबंधन के साथ आ गए। यह पांचवीं बार था जब नीतीश कुमार एक पार्टी को छोड़ दूसरी पार्टी में आए।
फिर पलटे नीतीश
बता दे 2022 में महागठबंधन में आने वाले नीतीश का एक-डेढ़ साल के भीतर ही क्यों इससे मोहभंग हो गया है। अब नीतीश कुमार का मन फिर से बदल गया है और अब फिर से बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की कवायद में है। बता दे नीतीश कुमार ने नौ बार पाला बदलते हुए एक बार फिर इस्तीफा सौपा है।
CM पद से नीतीश ने दिया इस्तीफा
रविवार यानी आज बिहार के CM नीतीश कुमार ने अपने CM पद से इस्तीफा सौंप दिया हैं। इस्तीफा देने के कुछ समय बाद ही उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए बताया की गठबंधन में स्थिति ठीक नहीं थी। उन्होंने बताया कि वहां सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था. गठबंधन में स्थिति बिलकुल भी ठीक नहीं थी. इधर आकर और स्थिति बिगड़ गई थी। कुछ काम ही नहीं हो रहा था इसलिए मैं नए गठबंधन में जा रहा हूं.
जानें, नीतीश ने क्या कहा ?
राज्यपाल को सौंपे अपने इस्तीफे में नीतीश कुमार ने कहा कि हमने महागठबंधन से नाता तोड़ने का निर्णय ले लिया है. इस्तीफे के कुछ देर बाद ही उन्होंने कहा कि मैंने CM पद से इस्तीफा दे दिया है. मुझे चारों तरफ से राय दी जा रही थी, इसलिए हमने अपने पद से इस्तीफा दिया है. राज्य में जो सरकार थी, उसे समाप्त किया गया है. बता दें कि वह मुख्यमंत्री पद की शपथ अब बीजेपी और हम के सहयोग से लेंगे.