पटना। बिहार के राजनीति में एक बार फिर से हलचल देखने को मिली है। नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद भाजपा बिहार विधानमंडल दल ने सम्राट चौधरी को नेता और विजय सिन्हा को उपाध्यक्ष चुना है। पार्टी नेता ने पीएम मोदी जी के नेतृत्व और नड्डा जी के कुशल मार्गदर्शन में कहा मुझे यकीन है ये दोनों बिहार की भलाई के लिए काम करेंगे। इस्तीफे के बाद से ही कई नेताओं का इसपर लगातार प्रतिक्रिया आ रहा है, ऐसे में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हमें पहले से पता था कि नीतीश पाला बदलने वाले हैं। बता दें कि खरगे ने यह भी कहा कि लालू-तेजस्वी ने पहले ही पाला बदलने की जानकारी दे दी थी। इस मौके पर उन्होंने नीतीश आया राम, गया राम वाले नेता का स्लोगन के रूप में गया भी हैं।
CM पद से नीतीश ने दिया इस्तीफा
रविवार यानी आज बिहार के CM नीतीश कुमार ने अपने CM पद से इस्तीफा सौंप दिया हैं। इस्तीफा देने के कुछ समय बाद ही उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए बताया की गठबंधन में स्थिति ठीक नहीं थी। उन्होंने बताया कि वहां सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था. गठबंधन में स्थिति बिलकुल भी ठीक नहीं थी. इधर आकर और स्थिति बिगड़ गई थी। कुछ काम ही नहीं हो रहा था इसलिए मैं नए गठबंधन में जा रहा हूं.
जानें, नीतीश ने क्या कहा ?
राज्यपाल को सौंपे अपने इस्तीफे में नीतीश कुमार ने कहा कि हमने महागठबंधन से नाता तोड़ने का निर्णय ले लिया है. इस्तीफे के कुछ देर बाद ही उन्होंने कहा कि मैंने CM पद से इस्तीफा दे दिया है. मुझे चारों तरफ से राय दी जा रही थी, इसलिए हमने अपने पद से इस्तीफा दिया है. राज्य में जो सरकार थी, उसे समाप्त किया गया है. बता दें कि वह मुख्यमंत्री पद की शपथ अब बीजेपी और हम के सहयोग से लेंगे.
कांग्रेस ने साधा निशाना
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बिहार में मचे राजनीतिक घमासान के बीच कहा कि 23 जून 2023 को नीतीश कुमार ने पटना में विपक्षी दलों की पहली बैठक बुलाई. 17-18 जुलाई 2023 को बेंगलुरु में दूसरी बैठक हुई. उसके बाद मुंबई में 31 अगस्त-1 सितंबर 2023 को बैठक हुई. नीतीश कुमार का योगदान तीनों बैठकों में रहा, तो ऐसे में हम मानकर चल रहे थे कि नीतीश कुमार भाजपा के खिलाफ लड़ेंगे, और इस तरह से वे भाजपा की विचारधारा को हराने में कोई कसर नहीं करेंगे।