पटना। अयोध्या में रामलला के स्वागत के लिए भव्य तैयारियां हो रही है। 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जायेगी। इसे लेकर कई क्षेत्रों के दिग्गजों को न्योता दिया जा रहा है। वहीं सियासत भी खूब हो रही है। विपक्ष इसे बीजेपी का इवेंट बता रहा है। इसी बीच अपने विवादित बयानों से चर्चा में रहने वाले शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव ने फिर से ओछी टिप्पणी की है।
फतेह बहादुर का किया समर्थन
दरअसल राजद नेता ने कहा कि अगर आपको चोट लगेगी तो आप कहां जाएंगे? मंदिर या अस्पताल? अगर आप शिक्षा चाहते हैं और अधिकारी, विधायक या सांसद बनना चाहते हैं तो क्या आप मंदिर जाएंगे या स्कूल जाएंगे? फ़तेह बहादुर सिंह (राजद विधायक) ने वही बात कही जो सावित्रीबाई फुले ने कही थी। इसमें क्या गलत है? उन्होंने सावित्रीबाई फुले का हवाला दिया। क्या शिक्षा आवश्यक नहीं है?
मंदिर को बताया शोषण स्थल
चंद्रशेखर यादव ने आगे कहा कि हमें छद्म हिंदुत्व और छद्म राष्ट्रवाद से सावधान रहना चाहिए। जब भगवान राम हममें से प्रत्येक में व्याप्त हैं, तो हम उन्हें खोजने के लिए कहां जाएंगे?जो स्थलें निर्धारित की गई हैं उन्हें शोषण का स्थल बनाया गया है, जिसका उपयोग समाज में कुछ षड्यंत्रकारियों की जेबें भरने के लिए किया जाता है।