पटना। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को पटना में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ओडिशा, पश्चिमि बंगाल, बिहार और झारखंड के वरिष्ठ मंत्री शामिल हुए। साथ ही अंतर-राज्य परिषद सचिवालय के सचिव, सदस्य राज्यों के मुख्य सचिव, राज्य सरकारों और केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
कई अहम मुद्दों पर की चर्चा
बैठक के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सामने कई मुद्दों पर चर्चा की-
जाति आधारित जनगणना
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सबसे पहले जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर बात की। उन्होंने कहा, हम चाहते थे कि केंद्र सरकार जातीय आधार पर गणना कराए। इसके लिए हमलोग शुरू से प्रयासरत थे। केंद्र सरकार द्वारा इस पर कोई विचार नहीं किया गया। राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से जाति आधारित जनगणना कराई और आंकड़ों को जारी किया।
कमजोर वर्गों की भागीदारी
इसके अलावा नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 है जिसमें 53 लाख 72 हजार 22 लोग बिहार के बाहर रह रहे हैं। जबकि 12 करोड़ 53 लाख 53 हजार राज्य में रहते हैं। जाति आधारित गणना में पिछड़ा वर्ग-27.12 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ा – 36.01 प्रतिशत, अनुसूचित जाति – 19.65 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति – 1.68 प्रतिशत, सामान्य वर्ग – 15.52 प्रतिशत की आबादी है। इन आंकड़ों के आधार पर सभी पार्टियों की सहमति से जिसमें बीजेपी भी शामिल है, समाज के सभी कमजोर वर्गों के सामाजिक उत्थान के लिए आरक्षण में इनकी भागीदारी बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
मिलेगा 75 प्रतिशत आरक्षण
यही नहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय मंत्री के सामने आरक्षण सीमा पर बात रखी। उन्होंने कहा कि राज्य में आरक्षण की सीमा 50 से बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दी गई है। इसके लिए कानून पारित हो गया है। सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए पूर्व से ही 10 प्रतिशत आरक्षण उपलब्ध है। अब सभी को 75 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।
9वीं सूची में शामिल हो आरक्षण का कानून
सीएम नीतीश ने कहा कि हमारी सरकार ने केंद्र सरकार से आरक्षण के नए कानून को संविधान को 9वीं अनुसूची में डालने के लिए अनुरोध किया है। उम्मीद है कि केंद्र सरकार जल्द ही इसे संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करेगी।
गरीब परिवार को रोजगार
सीएम नीतीश ने कहा कि गरीब परिवारों को आगे बढ़ाने के लिए घर के एक सदस्य को रोजगार दिया जाएगा। जिसके लिए दो लाख रुपये तक की सहायता योजना बनाई गई है। जिन परिवारों के पास घर नहीं है जमीन खरीदने के लिए उन्हें अब 60 हजार की जगह एक लाख दिए जा रहे हैं। साथ ही मकान बनाने के लिए 1 लाख 20 हजार रुपये दिए जाएंगे।
सतत जीविकोपार्जन योजना
इसके साथ ही सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि वर्ष 2018 से ‘सतत जीविकोपार्जन योजना’ के तहत अत्यंत निर्धन परिवार को रोजगार के लिए मिलने वाली 1 लाख की सहायता राशि को बढ़ाकर 2 लाख कर दिया गया है। इन सब कार्यों में कुल मिलाकर 2 लाख 50 हजार करोड़ रुपये लगेंगे, जिसे अगले 5 सालों में पूरा कर लिया जाएगा।
बिहार को मिले विशेष राज्य का दर्जा
सीएम नीतीश ने यह भी कहा कि यदि केंद्र सरकार द्वारा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल जाए तो हम इस काम को जल्दी पूरा कर लेंगे। लगातार विकास के बाद भी बिहार विकास के मापदंडों में राष्ट्रीय औसत से काफी नीचे है। बिहार, विशेष राज्य के दर्जे की सभी शर्तों को पूरा करता है। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के बारे में आप जरूर सोचेंगे।