पटना। देश भर में अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। जिसे लेकर बिहार की सियासी सरगर्मी बढ़ी हुई है। ऐसे में एक बड़ी खबर आई है। बताया जा रहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक बार फिर आमने-सामने आ सकते हैं। यही नहीं इस मुलाकात के […]
पटना। देश भर में अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। जिसे लेकर बिहार की सियासी सरगर्मी बढ़ी हुई है। ऐसे में एक बड़ी खबर आई है। बताया जा रहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक बार फिर आमने-सामने आ सकते हैं। यही नहीं इस मुलाकात के दौरान दोनों में बातचीत भी हो सकती है।
दरअसल, पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक इस बार पटना में की जाएगी। इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे। बता दें कि पूर्वी केंद्रीय परिषद में चार राज्य बिहार, झारखंड ,पश्चिम बंगाल और ओडिशा शामिल हैं। आगामी 10 दिसंबर को पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक पटना में होनी है। इस बैठक में सभी चार राज्यों के मुख्यमंत्री भी मौजूद रहेंगे। ऐसे में अगर राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल नहीं हो सकते तो सरकार के प्रतिनिधि इसमें शामिल होते हैं। इस बैठक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल हो सकते हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 9 अगस्त 2022 को एनडीए से अलग हुए थे। इसके बाद से नीतीश कुमार का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से कम ही आमना-सामना हुआ है। यही नहीं दिल्ली में कई बार सरकारी बैठक हुई लेकिन नीतीश कुमार इनमें शामिल नहीं हुए। इससे पूर्व जी20 की बैठक में नीतीश कुमार शामिल हुए थे। इस दौरान उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात हुई। इस बार यह बैठक पटना में हो रही है तो अनुमान लगाया जा रहा है कि सीएम नीतीश इस बैठक में शामिल हो सकते हैं।
बता दें कि क्षेत्रीय परिषद का गठन 1956 में हुआ था। इसमें 5 जोन हैं। पूर्वी क्षेत्रीय परिषद में चार राज्यों में पांच बार इसकी बैठक पटना में हुई है। इसमें 1958, 1963, 1985 और 2015 में भी पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक पटना में हुई थी। क्षेत्रीय परिषद का पदेन अध्यक्ष केंद्रीय गृह मंत्री होता है। प्रत्येक क्षेत्रीय परिषद में शामिल किए गए राज्यों के मुख्यमंत्री, रोटेशन से एक समय में एक वर्ष की अवधि के लिए उस अंचल के आंचलिक परिषद के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं। इसमें मुख्यमंत्री एवं प्रत्येक राज्य से राज्यपाल द्वारा नामित दो अन्य मंत्री और परिषद में शामिल किए गए संघ राज्य क्षेत्रों से दो सदस्य साथ ही प्रत्येक क्षेत्रीय परिषद के लिए योजना आयोग (अब नीति आयोग) द्वारा नामित एक मुख्य सचिव और जोन में शामिल प्रत्येक राज्य द्वारा नामित एक अन्य अधिकारी एवं विकास आयुक्त शामिल होता है।
इस तरह की बैठक का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय एकीकरण को साकार करना, तीव्र राज्य के संचेतना, क्षेत्रवाद तथा केंद्र एवं राज्यों को विचारों एवं अनुभवों का आदान-प्रदान करने तथा सहयोग करने के लिए सक्षम बनाना है। इसके साथ ही विकास परियोजनाओं के सफल एवं तीव्र निष्पादन के लिए राज्यों के बीच सहयोग के वातावरण स्थापना किया जाता है।