Thursday, September 19, 2024

Sushil Kumar: सुशील मोदी का बड़ा बयान, BPSC से चयनित 32 हजार शिक्षक नहीं देना चाहते किसी स्कूल में योगदान

पटना। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को शिक्षा विभाग पर अपना बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के इशारे पर शिक्षा विभाग में आपातकाल जैसी स्थिति पैदा कर धर्मनिरपेक्षता और शिक्षकों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर चोट की जा रही है। सुशील मोदी ने कहा कि आज माहौल ऐसा है कि बीपीएससी से चयनित 32 हजार योग्य शिक्षक किसी स्कूल में योगदान देने के लिए तैयार नहीं हैं। पहले धर्म और भाषा के आधार पर बड़ा भेदभाव करते हुए स्कूली छात्रों और शिक्षकों के लिए छुट्टियों के अलग-अलग कैलेंडर जारी किए गए और फिर एक साथ चार कड़े आदेश जारी कर शिक्षकों के कुछ बोलने, बयान देने या संगठन बनाने पर रोक लगा दी गई।

शिक्षा विभाग कर रहा उल्लंघन

यही नहीं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शिक्षा विभाग में अघोषित इमरजेंसी है। जबकि नीतीश सरकार ‘अनुशासन पर्व’ मना रही है, इसलिए उनके किसी भी आदेश का उल्लंघन करने पर शिक्षकों का वेतन रुक सकता है। उन्होंने कहा कि बीपीएससी का विरोध करने पर 7 लोगों को कड़ी चेतावनी दी गई। शिक्षा विभाग अपनी सीमा का उल्लंघन कर के विश्वविद्यालय शिक्षकों पर भी स्कूल-जैसी कार्य संस्कृति थोपना चाहता है। जिस कारण रोजाना पांच क्लास न लेने पर वेतन और पेंशन रोकने का आदेश दिया गया। विश्वविद्यालय शिक्षकों के संगठन ‘फूटा’ ने ऐसे आदेश वापस न लेने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।

छुट्टियों में कटौती को लेकर बोले बीजेपी नेता

बीजेपी नेता सुशील मोदी ने आगे कहा कि सामान्य स्कूलों के लिए 2023 के शैक्षणिक कैलेंडर में रक्षाबंधन, अनंत चतुर्दशी, जितिया और तीज की छुट्टियां हैं, जबकि अगले साल ये छुट्टियां नहीं मिलेंगी। यही नहीं दुर्गापूजा, दीवाली और छठ जैसे बड़े हिंदू त्योहारों की छुट्टियां में भी कटौती की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार को छुट्टियों में भेदभाव-पूर्ण कटौती वापस लेनी होगी।

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