पटना। बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक लगातार स्कूलों में औचक निरीक्षण करते नज़र आ रहे हैं। उनके कड़े तेवर को स्कूल के शिक्षक से लेकर प्रधानाध्यापक तक सभी जानते हैं। बताया जा रहा है कि इसी जांच के क्रम में इस बार केके पाठक भोजपुर के एक ट्रेनिंग सेंटर पर पहुंचे […]
पटना। बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक लगातार स्कूलों में औचक निरीक्षण करते नज़र आ रहे हैं। उनके कड़े तेवर को स्कूल के शिक्षक से लेकर प्रधानाध्यापक तक सभी जानते हैं। बताया जा रहा है कि इसी जांच के क्रम में इस बार केके पाठक भोजपुर के एक ट्रेनिंग सेंटर पर पहुंचे थे लेकिन इस बार उनका अंदाज अलग दिखाई दिया। इस बार वह एकदम सामान्य मिजाज में नजर आए।
दरअसल, ट्रेनिंग सेंटर पर पहुंचते ही केके पाठक (kk pathak) नवनियुक्त शिक्षकों से हंसी मजाक करते हुए बातचीत कर रहे थे। हालांकि, वो यहां निर्धारित समय से थोड़ा देरी से पहुंचे थे। इसके लिए उन्होंने माफी भी मांगी। इस दौरान केके पाठक ने शिक्षकों से पूछा कि यहां अरवल के रहने वाले कौन हैं तो कुछ महिला शिक्षकों ने हाथ उठाया। वहीं जब केके पाठक ने पूछा कि बिहार के बाहर रहने वाले कौन-कौन हैं तो इसपर अधिकांश महिला नवनियुक्त शिक्षकों ने हाथ खड़े किए। इस पर केके पाठक भी आश्चर्य में पड़ गए।
हालांकि, इसके बाद केके पाठक ने हंसी मजाक के अंदाज में सभी नवनियुक्त शिक्षकों से बातचीत शुरू की। उन्होंने सवाल किया कि बिहार में कैसा महसूस हो रहा है, इसपर महिला शिक्षकों ने जवाब दिया कि सर बहुत अच्छा। केके पाठक ने यह भी सवाल किया कि बिहार को लेकर जो गलत विचार था वह दूर हो गया न? इस पर सभी शिक्षकों ने कहा कि जी सर। फिर केके पाठक ने कहा कि आप लोग अपने अभिभावक को बता दीजिए कि सब कुछ सही चल रहा है यहां। जैसा आपलोग सोच रहे थे वैसा कुछ भी नहीं है। केके पाठक ने कहा कि यह ट्रेनिंग सेंटर तो इंटेरियर में है, फिर भी सबकुछ सही है।
यही नहीं इस दौरान केके पाठक ने कहा, आपलोग चिंता मत कीजिए, जैसे ही आप लोगों की ट्रेनिंग पूरी होगी वैसे ही आप लोगों की ज्वॉइनिंग हो जाएगी। हमलोग यह भी कोशिश कर रहे हैं कि आप लोगों की सैलरी भी दिसंबर में आ जाए। इसके बाद केके पाठक ने प्रिंसिपल बात करते हुए कहा कि अगर इनका अकाउंट खुल गया है तो चेकबुक भी 15 दिन के अंदर दिलवा दीजिए। केके पाठक ने सभी शिक्षकों से कहा कि पढ़ाई की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए बच्चों को पढ़ाना है। स्कूल के रखरखाव का भी ध्यान दें। साथ ही आप लोग कमजोर बच्चे पर विशेष ध्यान दें।