पटना। बिहार में अब 75 प्रतिशत तक आरक्षण का लाभ मिलेगा। बिहार की नीतीश सरकार ने इसे गजट में प्रकाशित कर दिया है। अब शिक्षण संस्थानों से लेकर नौकरियों में अनुसूचित जाति/जनजाति, ईबीसी और ओबीसी को 75 फीसद आरक्षण दिया जाएगा। इसे 21 नवंबर से लागू कर दिया गया है। पिछले दिनों बिहार सरकार ने […]
पटना। बिहार में अब 75 प्रतिशत तक आरक्षण का लाभ मिलेगा। बिहार की नीतीश सरकार ने इसे गजट में प्रकाशित कर दिया है। अब शिक्षण संस्थानों से लेकर नौकरियों में अनुसूचित जाति/जनजाति, ईबीसी और ओबीसी को 75 फीसद आरक्षण दिया जाएगा। इसे 21 नवंबर से लागू कर दिया गया है। पिछले दिनों बिहार सरकार ने 15 फीसद आरक्षण बढ़ा दिया था।
दरअसल, बिहार सरकार ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान आरक्षण संशोधन विधेयक 2023 को पेश किया था, जिसे 9 नवंबर को दोनों सदन से पास किया गया। इसमें आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 75 फीसदी करने का प्रावधान था। यही नहीं इस बिल को राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी ने भी अपना समर्थन दिया। इस बीच दिल्ली से लौटते ही राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर ने रिजर्वेशन बिल 2023 पर मुहर लगा दी।
वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 7 नवंबर को सदन में यह घोषणा की थी कि बिहार में आरक्षण के दायरे को बढ़ाया जाएगा। उन्होंने बिहार में 60 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था को बढ़ाकर 75 फीसदी करने का ऐलान किया था। इसके तुरंत बाद ही नीतीश कुमार ने कैबिनेट की मीटिंग बुलाई। यही नहीं करीब ढाई घंटे के भीतर ही कैबिनेट ने आरक्षण के दायरे को बढ़ाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी थी। जिसके बाद 9 नवंबर को दोनों सदनों से इसे पारित किया गया।
गौरतलब है कि बिल पास होने के बाद बिहार में एससी को 20 फीसदी, एसटी को दो फीसदी, अति पिछड़ा को 25 फीसदी और पिछड़े वर्ग को 18 फीसदी आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। वहीं सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान लागू रहेगा। इसके अंतर्गत शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरी में पिछ़ड़े, दलित और महादलित को आरक्षण का लाभ मिलेगा। यही नहीं इन वर्गों के छात्रों को सरकारी कॉलेज और यूनिवर्सिटी में भी इसका फायदा मिलेगा।