पटना। बिहार में इस समय सियासी सरगर्मी तेज है। विपक्षी नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। इसी बीच प्रदेश में विधानमंडल का शीतकालीन सत्र शुरु हो चुका है और आज सत्र का दूसरा दिन है। इस पांच दिवसीय सत्र के दूसरे दिन को लेकर पहले से ही ये अनुमान लगाया जा रहा था […]
पटना। बिहार में इस समय सियासी सरगर्मी तेज है। विपक्षी नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। इसी बीच प्रदेश में विधानमंडल का शीतकालीन सत्र शुरु हो चुका है और आज सत्र का दूसरा दिन है। इस पांच दिवसीय सत्र के दूसरे दिन को लेकर पहले से ही ये अनुमान लगाया जा रहा था कि वहां औपचारिकताओं के साथ हंगामा होना संभव है। दरअसल, बिहार की गठबंधन सरकार अपनी घोषणा के अनुसार बिहार में जाति आधारित जनगणना की पूरी रिपोर्ट सदन में पेश करेगी।
बता दें कि जाति आधारित जनणगना की रिपोर्ट जारी किए जाते समय ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि इसे विधानमंडल के पटल पर रखा जाएगा। वहीं दूसरी तरफ सत्र से एक दिन पहले बिहार दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस रिपोर्ट को गुमराह करने वाला बताया था। अमित शाह ने कहा कि लालू प्रसाद यादव के दबाव में सीएम नीतीश कुमार ने इस सर्वे में यादवों और मुसलमानों की संख्या ज्यादा दिखाई है।
वहीं विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के पहले दिन भाजपा विधायकों ने बिहार में बढ़ रहे अपराध और नौकरी घोटाले का मुद्दा बनाकर हंगामा किया। इस दौरान भाजपा विधायक हरि भूषण ठाकुर बचौल ने कहा कि बिहार में कानून का राज खत्म हो चुका है। सरकार वोट के लिए तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि नौकरी देने के नाम पर घोटाला हो रहा है। बीजेपी ने सीएम नीतीश के इस्तीफे कि भी मांग की।