पटना। बिहार लोक सेवा आयोग ने हाल ही में एक लाख 22 हजार शिक्षकों का रिजल्ट जारी किया है। अब जल्दी ही इस परीक्षा में सफल हुए सभी शिक्षक स्कूलों में पढ़ाने के लिए जाना शुरु करेंगे। इससे जुड़ी हुई एक बड़ी ख़बर सामने आई है। बता दें कि सीएम नीतीश की सरकार ने इन सभी पास हुए शिक्षकों के अलावा पहले से भी कार्यरत करीब चार लाख शिक्षकों को आवास देने का निर्णय लिया है। बताया जा रहा है कि इस निर्णय के अनुसार इन शिक्षकों के रहने की व्यवस्था स्कूल के पास में ही की जाएगी। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि शिक्षकों को विद्यालय पहुंचने में देरी न हो।
विभागीय वेबसाइट पर प्रस्ताव की मांग
दरअसल विभाग ने रविवार को विज्ञापन जारी कर मकान मालिकों और रियल एस्टेट कंपनियों से 4 नवंबर तक विभागीय वेबसाइट पर प्रस्ताव की मांग की है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, शिक्षकों के रहने की व्यवस्था करने के लिए बिहार सरकार जिला, अनुमंडल, प्रखंड और पंचायत के गांव तक मकानों को किराए पर लेगी। हालांकि अगर रियल एस्टेट कंपनी मकान बनाकर देती है तो भी सरकार जिला, अनुमंडल, प्रखंड और पंचायत के गांवों तक के मकानों को किराए पर ले सकती है। वहीं दूसरी तरफ शिक्षा विभाग ने इच्छुक मकान मालिकों एवं रियल एस्टेट कंपनियों से भी पूछा है कि वह कितने फ्लैट और मकान तत्काल उपलब्ध करा सकते हैं।
निजी कंपनियां अपने खर्चे पर करेंगी निर्माण
इसके अलावा मकानों और बहू मंजिला इमारतों के मालिकों से यह प्रस्ताव मांगा गया है कि किस जिले में कितने मकान हैं ? साथ ही वह किस प्रखंड और ग्राम पंचायत में कितने मकान उपलब्ध करा सकते हैं जो पहले से बने हुए हों। शिक्षा विभाग ऐसे मकानों को तुरंत किराए पर ले सकता है। वहीं रियल एस्टेट कंपनियों और अन्य इच्छुक जमीन मालिकों से जिला, अनुमंडल और प्रखंड मुख्यालय में बहुमंजिला इमारत एवं भवन निर्माण करने के लिए प्रस्ताव मांगा गया है। बता दें कि यहां केवल विभाग के शिक्षक ही रहेंगे। ऐसे इमारतों का निर्माण निजी कंपनियां अपने खर्चे पर करेंगी। इस दौरान शिक्षा विभाग उन्हें लंबे समय के लिए लीज पर लेगा और हर महीने किराया का भुगतान किया जाएगा।
प्रतिवर्ष शिक्षकों के वेतन पर करोड़ों खर्च
बताया जा रहा है कि निदेशक प्रशासन ने विज्ञापन जारी किया है। इसके अंतर्गत मकान मालिक और रियल एस्टेट कंपनियों की तरफ से 4 नवंबर तक प्रस्ताव देने की मांग की गई है। जिसके बाद 8 नवंबर को पटना में शिक्षा विभाग इनके साथ बैठक करेगी। शिक्षा विभाग प्रतिवर्ष शिक्षकों के वेतन पर 33 हजार करोड़ खर्च करता है। जिसमें से 8% यानी लगभग 2500 करोड़ रुपये आवास पर खर्च किए जाते हैं। अब आवास भत्ता की कटौती कर यह पैसा लीज पर लिए गए मकान और रियल एस्टेट कंपनियों को दिया जाएगा।