पटना। बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने बिहार वासियों को दुर्गा पूजा की बधाई दी है। उन्होंने कहा कि पांचो राज्यों में बीजेपी की सरकार बनेगी क्योंकि नरेंद्र मोदी का कोई विकल्प नहीं है।
तेजस्वी के बयान पर पूर्व सीएम का पलटवार
बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने सोमवार को पटना एयरपोर्ट पर नीतीश कुमार और बीजेपी की दोस्ती और विधानसभाचुनाव को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा था कि कहा कि छत्तीसगढ़, राजस्थान, एमपी, तेलंगाना और मिजोरम के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार होगी। उन्होंने ये भी कहा कि बीजेपी घबराई हुई है। अब तेजस्वी यादव के इस बयान पर बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने अपने आवास पर मीडिया से बातचीत के दौरान पलटवार किया है।
चले थे चौबे…
पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि पहलवान अक्सर अखाड़ा में कहता है कि अबकी बार आओ पटक देंगे तो वही बात इनकी है। मांझी ने तंज कसते हुए कहा कि चले थे चौबे बनने कि भारत के प्रधानमंत्री बनेंगे, सभी दल एक साथ मिलकर बीजेपी का सामना करेंगे, लेकिन आज स्थिति क्या है? सभी ताश के पत्तों की तरह बिखर गए हैं। इसके अलावा पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि अपने कार्यकर्ताओं का मन बहलाने के लिए, खुश करने के लिए, मनोबल बढ़ाने के लिए तेजस्वी यादव ऐसा कह रहे हैं। छत्तीसगढ़, राजस्थान, एमपी, तेलंगाना और मिजोरम में नरेंद्र मोदी की सरकार बनेगी क्योंकि नरेंद्र मोदी का कोई विकल्प नहीं है।
कन्या शिक्षा पर बोले मांझी
पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने बिहार वासियों को दुर्गा पूजा की बधाई देते हुए कहा कि नवरात्रि में कन्या पूजन की परंपरा है। भारतीय संस्कृति के सनातन धर्म में महिलाओं के प्रति नारी शक्ति का सम्मान है। यही वजह है कि माता का नाम पहले लिया जाता है उसके बाद पिता का नाम लेते हैं, लेकिन बीच में ऐसी बात आ गई कि कवि मैथिलीशरण गुप्त को कहना पड़ा था कि “लाख जीवन हाय अबला तुम्हारी यही कहानी, आंचल में है दूध और आंखों में है पानी। ” मांझी ने आगे कहा कि महिलाएं अबला बना दी गईं लेकिन वह सबला हैं इसलिए मैंने कहा कि अमीर और गरीब सबकी शिक्षा एक समान होनी चाहिए। नारी की शिक्षा पर ध्यान देने की जरूरत है। कन्या के पूजन से नहीं, बल्कि इसके लिए सरकार को आगे बढ़ना चाहिए। मांझी ने बताया कि जब हम सीएम बने थे तो कहा था कि सभी जाति धर्म के लोगों के लिए पहली कक्षा से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट तक की शिक्षा फ्री की जानी चाहिए। आज दुर्भाग्य है कि वह सिस्टम लागू नहीं हुआ है।