पटना। बिहार में लोकसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। इन्हीं तैयारियों के क्रम में नीतीश सरकार ने 20 सूत्री समिति का गठन किया है। मुंगेर को छोड़ अन्य सभी 37 जिलों में कमेटी बनाई गई है। 20 सूत्रीय जिला स्तरीय समिति सीएम नीतीश की सरकार ने चुनाव से पहले 20 सूत्रीय जिला स्तरीय कार्यक्रम […]
पटना। बिहार में लोकसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। इन्हीं तैयारियों के क्रम में नीतीश सरकार ने 20 सूत्री समिति का गठन किया है। मुंगेर को छोड़ अन्य सभी 37 जिलों में कमेटी बनाई गई है।
सीएम नीतीश की सरकार ने चुनाव से पहले 20 सूत्रीय जिला स्तरीय कार्यक्रम की कार्यान्वयन समिति का गठन कर लिया है। बता दें कि इस 20 सूत्रीय जिला स्तरीय समिति के अंतर्गत जिला प्रभारी मंत्रियों को अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं मुंगेर को छोड़ अन्य सभी 37 जिलों में कमेटी बनाई गई है। इसके अलावा जिला स्तरीय कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष और सदस्यों से संबंधित अधिसूचना कैबिनेट सचिवालय की तरफ से जारी की गई है। वहीं इसी महीने संभावना जताई जा रही है कि प्रखंड स्तरीय 20 सूत्रीय कमेटी का गठन भी महागठबंधन सरकार करेगी।
दरअसल, 20 सूत्रीय कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को पटना जिले का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इस दौरान भागलपुर जिला का अध्यक्ष पर्यटन मंत्री कुमार सर्वजीत, एससी-एसटी मंत्री रत्नेश सादा को जहानाबाद का अध्यक्ष, पीएचडी मंत्री ललित यादव को पश्चिमी चंपारण का अध्यक्ष, सीतामढ़ी जिले का अध्यक्ष भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, सुपौल जिला के अध्यक्ष बने जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, उर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव वैशाली, लखीसराय की अध्यक्ष परिवहन मंत्री शीला मंडल और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मो. जमा खान को किशनगंज जिले का अध्यक्ष बनाया गया है। इसके अलावा पूर्णिया जिला का अध्यक्ष वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी, नवादा के अध्यक्ष उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ, मुजफ्फरपुर में कला संस्कृति मंत्री जितेंद्र राय, नालंदा में अध्यक्ष वित्त मंत्री विजय चौधरी और रोहतास के अध्यक्ष लघु जल संसाधन मंत्री जयंत राज बनाए गए हैं।
बताया जा रहा है कि जिला स्तर पर 20 सूत्रीय कमेटी के लोग एक-एक योजनाओं की मॉनिटरिंग करते हैं। यही नहीं वह जनता की जरूरतों के हिसाब से योजनाओं का चयन भी करवाते हैं। बता दें की इस 20 सूत्री समिति का गठन बिहार सरकार की योजनाओं की निगरानी और क्रियान्वयन में सहयोग के लिए किया गया है। इस 20 सूत्री कमेटी का गठन पूरे 10 साल के बाद हुआ है। इसके पहले 2013 में महागठबंधन की सरकार में 20 सूत्रीय कमेटी का गठन हुआ था।