पटना। संघ प्रमुख मोहन भागवत बिहार के भागलपुर के कुप्पा घाट आश्रम में 10 फरवरी को गुरु निवास उद्घाटन को लेकर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने आने वाले हैं। लेकिन इससे पहले मोहन भागवत के खिलाफ मुजफ्फरपुर के मुख्य दंडाधिकारी अदालत में परिवाद दायर हुआ हैं।
बयान ब्राह्मणों को नीचा दिखाने वाला
दरअसल संघ प्रमुख ने बीते दिनों मुंबई में आयोजित रविदास जयंती के मौके पर ब्राह्मणों के खिलाफ विवादित बयान दिया था। जिसके बाद मुजफ्फरपुर के अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने उनके खिलाफ मुजफ्फरपुर सीजेएम कोर्ट में परिवाद दायर कराया हैं। उन्होंने कहा कि आरएसएस प्रमुख द्वारा संत रविदास जयंती समारोह में दिया गया बयान ब्राह्मणों को नीचा दिखाने वाला और अपमानजनक हैं। उनके बयान से हमें बहुत ठेस पहुंची है।
20 फरवरी को होगी सुनवाई
आरएसएस प्रमुख के खिलाफ आईपीसी की धारा 500, 501, 504, 505, 506, 153 के तहत परिवाद दायर कराया गया हैं। साथ ही अधिवक्ता ने इस मामले में कोर्ट से कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत का यह बयान समाज को तोड़ने वाला हैं। उन्होंने एक जाति विशेष की भावना को आहत किया हैं। वहीं अधिवक्ता की मांग को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने 20 फरवरी के दिन अगली सुनवाई मुकर्रर की है।
माफी की हो रही मांग
बता दें कि हाल ही में संघ प्रमुख ने बयान दिया था कि जातियां भगवान द्वारा नहीं बनाई गई हैं। यह ब्राह्मणों की देन थीं। ईश्वर के सामने तो सब एक समान हैं। उनके इस बयान के बाद ब्राह्मण लोग भड़क गए हैं। उनसे माफी की मांग की जा रही हैं।