Friday, November 8, 2024

बिहार: बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, दिल्ली की कोर्ट ने जारी किया समन

पटना। बीजेपी के नेता शाहनवाज हुसैन को दिल्ली की एक कोर्ट ने तलब किया है। बताया जा रहा है कि कोर्ट की ओर से संबंधित एसएचओ के माध्यम से शाहनवाज हुसैन के खिलाफ समन जारी किया गया है।

कोर्ट ने जारी किया समन

बीजेपी नेता सैयद शाहनवाज हुसैन की मुसीबतें बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं। बताया जा रहा है कि दिल्ली की एक कोर्ट ने बलात्कार के मामले में बीजेपी नेता को तलब किया है। इस मामले को लेकर कोर्ट की तरफ से शाहनवाज हुसैन के खिलाफ समन जारी किया है। बता दें कि कोर्ट ने उन्हें अगली सुनवाई पर पेश होने का निर्देश दिया है। वहीं अदालत ने दिल्ली पुलिस की उस रिपोर्ट को भी खारिज कर दिया है, जिसमें शाहनवाज हुसैन को क्लीन चिट दी गई थी। कोर्ट की ओर से संबंधित एसएचओ के द्वारा शाहनवाज हुसैन के खिलाफ समन जारी किया गया है।

विश्वसनीयता का परीक्षण केवल मुकदमे के दौरान

दरअसल अदालत ने कथित अपराध का संज्ञान लिया है और पूर्व केंद्रीय मंत्री को 20 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने FIR रद्द करने की रिपोर्ट, शिकायतकर्ता की दायर विरोध याचिका, जांच अधिकारी की विरोध याचिका पर दाखिल जवाब और रिकॉर्ड पर रखी गई अन्य सामग्री पर गौर करने के बाद यह विचार किया है कि शिकायतकर्ता ने पुलिस, अदालत, मजिस्ट्रेट के सामने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत एक समान बयान दिए हैं। बताया जा रहा है कि अदालत ने दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट को खारिज करते हुए यह कहा है कि ऐसे मामलों में सुनवाई के दौरान निर्णय लिया जा सकता है। यहीं नहीं कोर्ट का मानना है कि शिकायत करने वाले के बयान और उसकी सच्चाई का परीक्षण सिर्फ मुकदमे के दौरान ही हो सकता है।

क्या है पूरा मामला ?

बताया जा रहा है कि एक महिला ने शाहनवाज हुसैन पर आरोप लगाया है। महिला का कहना है कि उन्होंने उसे धमकाया था और उनके भाई शहबाज हुसैन ने वर्ष 2017 में महिला को शादी का झांसा देकर उसका यौन शोषण किया था। महिला ने उन पर दुष्कर्म के भी आरोप लगाए थे। इस मामले में महिला का आरोप था कि शाहनवाज हुसैन ने अपने भाई का पक्ष लेकर इस मामले को दबा दिया था। यहीं नहीं उसे कई प्रकार की धमकी भी दी गई थी। हालांकि, इस मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से बीजेपी नेता को क्लीन चिट मिल गई थी। अब कोर्ट ने उस रिपोर्ट को ही खारिज कर दिया है। अब यह माना जा रहा है कि अदालत के इस फैसले से बिहार की राजनीति और गरम हो सकती है।

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