बिहार: लालू यादव ने विपक्षियों पर साधा निशाना, सोशल मीडिया पर लिखा- कैंसर का इलाज…

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Lalu Prasad Yadav
Lalu Prasad Yadav

पटना। RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने जाति आधारित जनगणना पर सवाल उठा रहे विपक्षी दलों पर हमलावर होते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए अपनी बात कही है।

क्या कह गए लालू यादव

बिहार में सियासी सरगर्मी तेज हो चुकी है और ऐसे में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का एक बार फिर बड़ा बयान सामने आया है। बताया जा रहा है कि सोमवार को आरजेडी सुप्रीमो ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए विपक्षियों पर तंज कसा है। लालू प्रसाद यादव ने लिखा है कि जातिगत जनगणना के विरुद्ध जो भी लोग हैं वो इंसानियत, सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक बराबरी तथा समानुपातिक प्रतिनिधित्व के खिलाफ हैं। ऐसे लोगों में रत्ती भर भी न्यायिक चरित्र नहीं होता है। लालू यादव ने आगे लिखा कि किसी भी प्रकार की असमानता एवं गैरबराबरी के ऐसे समर्थक अन्यायी प्रवृत्ति के होते हैं, जो जन्म से लेकर मृत्यु तक केवल और केवल जन्मजात जातीय श्रेष्ठता के आधार एवं दंभ पर दूसरों का अधिकार खाकर अपनी कथित श्रेष्ठता को बरकरार रखना चाहते हैं। कैंसर का इलाज सिरदर्द की दवा खाने से नहीं होगा।

जेडीयू के नेता भी कर चुके हैं विरोध

दरअसल जाति आधारित जनगणना को लेकर बिहार में लगातार इस तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं कि जारी की गई रिपोर्ट में कई प्रकार की त्रुटियां हैं। यहीं नहीं कई नेताओं ने यहां तक कह दिया कि उनके घर कोई निरीक्षण टीम ही नहीं गई थी। ऐसे में कोई पड़ोसी या गांव के लोग कैसे सही जानकारी दे सकता हैं।यहीं नहीं बता दें कि विरोधी दलों के साथ-साथ सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के सांसद सुनील कुमार पिंटू भी जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट पर सवाल उठा चुके हैं। इसके अलावा तेली-साहू समाज की पटना में बैठक भी कर चुके हैं। उनका कहना है कि जाति आधारित सर्वे की रिपोर्ट में त्रुटि को लेकर लगातार तेली साहू समाज के द्वारा कई शिकायतें आ रही ही हैं क्योंकि उनकी गिनती नहीं हुई है। इस संबंध में बैठक में निर्णय लिया गया है कि एक कमेटी मुख्यमंत्री से मिले और मुख्यमंत्री को इसकी जानकारी दिया जाए।

इसलिए किया गया है ट्वीट

बताया जा रहा है कि इसी क्रम में लगातार हो रहे विरोध को देखते हुए लालू प्रसाद यादव ने यह ट्वीट किया है और लिखा है कि जातिगत जनगणना के विरुद्ध जो भी लोग हैं वो इंसानियत, सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक बराबरी तथा समानुपातिक प्रतिनिधित्व के खिलाफ है।