पटना। बिहार में जाति आधारित गणना की रिपोर्ट जारी हो चुकी है। वहीं इस रिपोर्ट पर राष्ट्रीय लोक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि गणना रिपोर्ट में कई खामियां देखने को मिली हैं। गणना रिपोर्ट में हैं खामियां ? बिहार में जाति आधारित गणना की रिपोर्ट […]
पटना। बिहार में जाति आधारित गणना की रिपोर्ट जारी हो चुकी है। वहीं इस रिपोर्ट पर राष्ट्रीय लोक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि गणना रिपोर्ट में कई खामियां देखने को मिली हैं।
बिहार में जाति आधारित गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद से ही कई नेताओं की तरफ से इस पर सवाल उठाए जा रहे हैं। वहीं अब राष्ट्रीय लोक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने जाति आधारित गणना को लेकर सवाल खड़ा कर दिया है। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि सरकार ने गांधी जयंती पर जाति सर्वे का डेटा सार्वजनिक किया है। इसको लेकर उन्होंने सरकार को बधाई दी है, लेकिन यह भी कहा है कि इस रिपोर्ट में कई खामियां भी हैं। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि हमको कई नेताओं ने जानकारी दी है कि हमसे और हमारे परिवार से किसी ने जात की जानकारी भी नहीं ली। बीपीएल जैसी सूची में भी कई खामियां पाई गई हैं। लोगों की आशंका में दम है। उन्होंने कहा कि हमसे भी किसी ने इस जाति की गणना में पूछा तक नहीं, सरकार हड़बड़ी में थी।
वहीं इस मुद्दे पर सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सब कुछ करने के बाद नतीजा सामने आया है। उसके बाद हमने हर परिवार की आर्थिक स्थिति की जानकारी ली है। उन्होंने यह भी कहा कि वह मंगलवार को सर्वदलीय बैठक में सारी बातें सबके सामने रखेंगे। इसके साथ ही बैठक में सबकी राय लेकर सरकार सभी जरूरी कदम उठाएगी। नीतीश कुमार ने आगे यह भी कहा कि बिहार में जो जाति आधारित गणना हुई है वो पूरे देश में भी होनी चाहिए।
बता दें कि 2 अक्टूबर को बिहार में जाति आधारित गणना की रिपोर्ट आ गई है। इसमें बिहार सरकार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार राज्य की कुल जनसंख्या 13.07 करोड़ से कुछ अधिक है। वहीं राज्य में सामान्य वर्ग के लोगों की आबादी 15 प्रतिशत है वहीं पिछड़ा वर्ग की आबादी 27 प्रतिशत से ज्यादा है, जबकि अनुसूचित जाति की आबादी करीब 20 प्रतिशत है।