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बिहार: जन सुराज संगठन में शामिल हुए बड़े नेता पूर्णमासी राम

पटना। RJD के पूर्व मंत्री, 5 बार के विधायक और JDU से सांसद रहे मुस्लिम-दलित समाज के बड़े नेता पूर्णमासी राम ने जन सुराज संगठन की सदस्यता ली। पूर्णमासी राम ने ली जन सुराज की सदस्यता मुजफ्फरपुर में गुरुवार को जन सुराज संगठन में बिहार के दलितों और मुस्लिम समुदाय के लोगों के हक में […]

बिहार: जन सुराज संगठन में शामिल हुए बड़े नेता पूर्णमासी राम

पटना। RJD के पूर्व मंत्री, 5 बार के विधायक और JDU से सांसद रहे मुस्लिम-दलित समाज के बड़े नेता पूर्णमासी राम ने जन सुराज संगठन की सदस्यता ली।

पूर्णमासी राम ने ली जन सुराज की सदस्यता

मुजफ्फरपुर में गुरुवार को जन सुराज संगठन में बिहार के दलितों और मुस्लिम समुदाय के लोगों के हक में आवाज बुलंद करने वाले बड़े नेता पूर्णमासी राम ने सदस्यता ले ली है। बताया जा रहा है कि पूर्णमासी राम के जन सुराज संगठन में शामिल होने के साथ ही ये साबित हो गया है कि बिहार के लोग जन सुराज को लेकर कितनी सकारात्मक और बेहतर सोच रखते हैं। बता दें कि पूर्णमासी राम किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं क्योंकि वह साल 1990 से लगातार पांच बार बगहा बिहार विधानसभा के लिए चुने गए। वहीं 2009 में गोपालगंज JDU से वह सांसद सदस्य भी रहे।

प्रशांत किशोर ने सदस्य के रुप में जोड़ा

बताया जा रहा है कि जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बड़े नेता पूर्णमासी राम को माला पहनाकर उन्हें जन सुराज के संस्थापक सदस्य के रूप में जोड़ा है। इस दौरान पूर्णमासी राम के साथ सैकड़ों जनप्रतिनिधियों ने भी जन सुराज की सदस्यता ग्रहण की। बता दें कि ये सदस्यता अभियान मीनापुर प्रखंड के आरके हाई स्कूल छपरा में आयोजित किया गया था। इस दौरान पूर्णमासी राम ने कहा कि मैं प्रशांत किशोर जी की बिहार को लेकर सोच से प्रभावित हूं। इसलिए संगठन की मजबूती के लिए जन सुराज में शामिल हुआ हूं ताकि व्यवस्था परिवर्तन कर नए बिहार की परिकल्पना साकार कर सकें।

नेता पूर्णमासी राम के राजनीतिक सफर

नेता पूर्णमासी राम के राजनीतिक सफर की बात करें तो वह गोपालगंज से लगातार पांच बार बिहार विधानसभा के लिए चुने गए थे। सबसे पहली बार 1990 में वह चुने गए थे। पूर्णमासी राम अपने पहले कार्यकाल (1990-1995) के दौरान राज्य मंत्री और 1995-2005 और 2005- 2009 तक कैबिनेट मंत्री भी रहे। बता दें कि वह अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कल्याण संबंधी समिति के अध्यक्ष भी रहे थे। वहीं 2009 में वह संसद सदस्य चुने गए और खाद्य, उपभोक्ता मामले और सार्वजनिक वितरण समिति के सदस्य रहे।