पटना। महिला आरक्षण में ओबीसी आरक्षण को लेकर आंदोलन रणनीति बनाए जाने वाले सवाल पर प्रशांत किशोर सीएम नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर तंज कसते दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि आंदोलन करने वाले जो बेवकूफ लोग हैं, उनको न महिला आरक्षण से मतलब है और न महिलाओं की स्थिति से। नीतीश कुमार और तेजस्वी […]
पटना। महिला आरक्षण में ओबीसी आरक्षण को लेकर आंदोलन रणनीति बनाए जाने वाले सवाल पर प्रशांत किशोर सीएम नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर तंज कसते दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि आंदोलन करने वाले जो बेवकूफ लोग हैं, उनको न महिला आरक्षण से मतलब है और न महिलाओं की स्थिति से।
जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार एंव चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर इन दिनों मुजफ्फरपुर में हैं। हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए महिला आरक्षण में ओबीसी आरक्षण के लिए तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार बिहार और देश में आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं। वहीं इस मुद्दे पर जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने अपनी राय साफ की है।
बता दें कि जब मुजफ्फरपुर के मरवान प्रखंड के बसंतपुर गांव में प्रशांत किशोर से सवाल किया गया कि इस मुद्दे को लेकर आंदोलन होना चाहिए या नहीं? इस सवाल पर प्रशांत किशोर ने कहा कि जो आंदोलन करना चाह रहे हैं उनको करने दीजिए। मेरा मानना है कि महिला आरक्षण जो लागू हुआ है वो ठीक है, इसमें कहीं कोई दिक्कत नहीं है। आंदोलन करने वाले जो बेवकूफ लोग हैं, उनको न महिला आरक्षण से मतलब है और न महिलाओं की स्थिति से। उनको मतलब है कि इसमें राजनीति होती रहे और कुछ न कुछ करके इसमें अपनी रोटी सेंकते रहें। उन्होंने कहा कि जो लोग आज कह रहे हैं कि महिला आरक्षण में ओबीसी के लिए आरक्षण अलग से होनी चाहिए, ठीक है पहले आरक्षण आने दीजिए फिर अलग से ओबीसी के लिए भी आरक्षण लागू कर दीजिएगा। आरजेडी-जेडीयू से पूछिए जरा कि आपने अपनी पार्टी में कितनी ओबीसी महिलाओं को टिकट दिया है?
जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि अगर सिर्फ जाति आधार पर ही पूरे बिहार में वोट पड़ता तो मोदी को बिहार में वोट कैसे मिलता? मोदी की जाति का तो बिहार में कोई नहीं रहता है। जो मुसलमान समाज के लोग हैं, वो जाति पर तो वोट नहीं दे रहे हैं, वो लालटेन (RJD) को क्यों वोट दे रहे हैं? प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में वोट चार वजह से पड़ता है, पहला जाति है, दूसरा धर्म है, तीसरा लालू के डर से लोग भाजपा को वोट देते हैं और चौथा जो मुसलमान समाज है वो लोग भाजपा के डर से लालटेन को वोट देते हैं। इनको न जाति से मतलब है, न काम से, मतलब है तो सिर्फ एक चीज से कि भाजपा हारनी चाहिए। भाजपा के विधायक ने अगर काम नहीं भी किया है, बात नहीं सुनी है तो भी आप लालटेन के डर से भाजपा को वोट देते हैं।