पटना। राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह महिला आरक्षण बिल को लेकर बुधवार को संसद के विशेष सत्र में केंद्र सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि यह इस बार महिलाओं को छलने का काम करना चाहते हैं। चुनावी जुमला महिला आरक्षण बिल पेश होने के बाद जहां विपक्षी नेता इस फैसले का स्वागत तो कर रहे […]
पटना। राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह महिला आरक्षण बिल को लेकर बुधवार को संसद के विशेष सत्र में केंद्र सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि यह इस बार महिलाओं को छलने का काम करना चाहते हैं।
महिला आरक्षण बिल पेश होने के बाद जहां विपक्षी नेता इस फैसले का स्वागत तो कर रहे हैं लेकिन साथ ही केंद्रीय सरकार पर जमकर हमलावर भी दिखाई दे रहे हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि यह 2024 का चुनावी जुमला है। उन्होंने केंद्र पर हमला करते हुए कहा कि यह इस बार महिलाओं को छलने का काम किया जा रहा है। इन्होंने दो करोड़ रोजगार का वादा करके 2014 में देश के बेरोजगारों को छलने का काम किया है। 2014 में इन्होंने इस देश के गरीबों को छला था, कहा था कि काला धन वापस लाएंगे और सबके खाते में 15-20 लाख पहुंचाएंगे।
ललन सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार की मंशा सही नहीं है। अगर उनकी मंशा सही होती तो वह 2021 में जाति आधारित जनगणना शुरू करवा चुके होते। उन्होंने कहा कि इस देश को जनगणना की आवश्यकता है अगर इसे कराया गया होता तो आज ये पूरा हो चुका होता। ललन सिंह ने कहा कि आज महिला आरक्षण बिल की जरूरत ही नहीं होती। देश की जनता जान गई है कि आप भारी जुमलेबाज हैं।
इस दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपनी सरकार की उपलब्धि भी गिनाई। उन्होंने कहा कि बिहार से सीखो यार, अभी भी बता रहे हैं। बिहार पहला राज्य है जहां 2005 में जब सरकार बनी थी तो 2006 में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था। वहीं जब 2015 में महागठबंधन की सरकार बनी तो 2016 में ही 35 प्रतिशत आरक्षण महिलाओं को दिया गया। आपकी तरह साढ़े चार साल इंतजार नहीं किए। जब पटना, मुंबई बेंगलुरु में बैठक हुई तो आपकी घबराहट शुरू हो गई।
ललन सिंह ने कहा कि इस सरकार को महिला सशक्तिकरण से मतलब नहीं है इसे बस कुर्सी से मतलब है। कुर्सी बचाने के लिए ये कोई भी जुमलेबाजी कर सकते हैं। ललन सिंह ने मोदी सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि आप आज सदन में ऐलान करिए कि देश में जाति आधारित गणना कराएंगे। लेकिन ये आप नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत ने क्या कहा था कि आरक्षण पर तुरंत विचार होना चाहिए। आरक्षण आपकी कृपा से नहीं होता है। आज आपने महिला आरक्षण बिल लाया तो इसमें भी अति पिछड़ों को आरक्षण दिया जाना चाहिए।