पटना। हाई कोर्ट ने बिहार में जातिगत जनगणना पर लगी रोक हटा दी है। उच्च न्यायलय के फैसले से जदयू और राजद खेमे में ख़ुशी है। बिहार के पूर्व सीएम एवं राजद प्रमुख लालू यादव ने इसे सीएम नीतीश और तेजस्वी की कड़ी मेहनत का नतीजा बताया है। इसी बीच प्रशांत किशोर ने इसे लेकर […]
पटना। हाई कोर्ट ने बिहार में जातिगत जनगणना पर लगी रोक हटा दी है। उच्च न्यायलय के फैसले से जदयू और राजद खेमे में ख़ुशी है। बिहार के पूर्व सीएम एवं राजद प्रमुख लालू यादव ने इसे सीएम नीतीश और तेजस्वी की कड़ी मेहनत का नतीजा बताया है। इसी बीच प्रशांत किशोर ने इसे लेकर महागठबंधन सरकार पर निशाना साधा है।
जनसुराज के संयोजक और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने जातीय जनगणना को लेकर राजद प्रमुख लालू यादव और सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि लालू और नीतीश को जातीय जनगणना नहीं बल्कि जातिगत राजनीति करनी है ताकि पूरा समाज अशिक्षित और अनपढ़ बना रहे। तभी तो लोग एक 9वीं फेल को अपना डिप्टी सीएम मानेंगे।
पीके ने आगे सवाल किया कि जातिगत जनगणना का कानूनी आधार क्या है? बिहार की जनता खुद सोचे कि पिछले 32 सालों से लालू-नीतीश सरकार में हैं। इतने समय में इन्होंने जनता के लिए क्या प्रयास किया? आज ये आम जनता की आंख में धूल झोंकने के लिए सर्वे करवाने में लगे हुए हैं। इस दौरान प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि बिहार के लोगों को यह समझना पड़ेगा कि यदि गरीबों के बच्चे पढ़े-लिखे रहेंगे तो इन अनपढ़ों को नेता कौन मानेगा?