पटना। बिहार में जातिगत जनगणना पर आज फैसला सुनाया गया है। पटना हाई कोर्ट द्वारा फैसला सुनाते हुए जातिगत जनगणना पर से रोक हटा दी गई है। दरअसल यह महागठबंधन सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में एक है। पटना हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ ने इस मामले में दायर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है। बता दें कि बीते 7 जुलाई को ही उच्च न्यायालय ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
रोक की अर्जी खारिज
हाई कोर्ट के फैसले के बाद जातिगत जनगणना पर फिर से काम शुरू कर दिया जाएगा। उच्च न्यायालय के फैसले से नीतीश सरकार को बड़ी राहत मिली है। बता दें कि 4 मई को बिहार सरकार को पटना हाई कोर्ट की तरफ से झटका लगा था। उच्च न्यायालय ने जातिगत जनगणना पर अंतरिम रोक लगा दी थी। इसके बाद बिहार सरकार की तरफ से हाई कोर्ट में पुनर्विचार याचिका डाली गई थी फिर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया लेकिन कहीं राहत नहीं मिली। हालांकि अब हाईकोर्ट ने इस मामले में नीतीश सरकार को हरी झंडी दे दी है।
अंतिम फैसला तक सुनवाई नहीं
पटना हाई कोर्ट ने नीतीश सरकार के जातिगत जनगणना को संविधान विरोधी कहा था। बाद में इसपर पांच दिन लगातार सुनवाई हुई। जिसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया था। एससी का कहना था कि पटना उच्च न्यायालय के फैसले में काफी हद तक स्पष्टता है। जब तक अंतिम फैसला नहीं आ जाता इस मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई नहीं करेगी। वहीं अब हाईकोर्ट ने सभी अर्जियों को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि जनगणना कराना केंद्र का काम है ना कि राज्य सरकार का।