पटना। बिहार में शिक्षक नियुक्ति की नियमावली में बड़ा परिवर्तन किया गया है. मंगलवार यानी कल हुई कैबिनेट की बैठक में संशोधन करते हुए कहा गया है कि अब शिक्षक बनने के लिए बिहार का स्थायी होना जरूरी नहीं है. पहले भर्ती के लिए बिहार का स्थानी होना जरूरी था. नई शिक्षक बहाली नियमावली के तहत बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा बीते 15 जून से आवेदन की प्रक्रिया भी शुरू है. 12 जुलाई तक अंतिम तिथि है.
1 लाख 70 हजार 461 पदों पर होगी बहाली
बता दें कि बिहार में नई शिक्षक बहाली के तहत 1 लाख 70 हजार 461 पदों पर बहाली होनी है. इसकी अधिसूचना जारी हो चुकी है और नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू है. 15 जून से 12 जुलाई तक आवेदन भरने की तिथि है. अगस्त के अंत में परीक्षा लेने का समय निर्धारित किया गया है. बिहार लोक सेवा आयोग ने इसी साल रिजल्ट भी जारी करने का वादा किया है.
सरकार के निर्णय से अभ्यर्थी नाराज
बिहार सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के शिक्षक अभ्यर्थियों में नाराजगी देखी जा रही है. छात्र संघ के नेता दिलीप कुमार ने कहा कि बिहार सरकार का यह निर्णय बहुत गलत है. बिहार के अभ्यर्थियों के लिए हकमारी का काम किया गया है. किसी भी राज्य में जो आरक्षण होता है वह उस राज्य के मूल निवासी का होता है. बिहार सरकार 35 प्रतिशत आरक्षण महिलाओं को दे रही है तो बाहर की महिलाएं भी फॉर्म भरेंगी तो उसे भी आरक्षण मिलेगा.
आंदोलन तक पहुंच सकती है बात
नीतीश सरकार के इस फैसले को लेकर छात्र संघ के नेता दिलीप कुमार ने कहा कि हम अभ्यर्थियों से बात कर रहे हैं. जरूरत पड़ी तो इस पर उग्र आंदोलन भी हम लोग करेंगे.