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रिक्शा चलाने से… मंत्री बनने तक, जानिए रत्नेश सदा के राजनीतिक सफर की कहानी

पटना। बिहार के पूर्व जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने नीतीश कुमार को बड़ा झटका देते हुए मंत्रिमडल से इस्तीफा दे दिया है। वहीं संतोष सुमन के इस्तीफे से खाली हुए उनकी जगह को तीन बार सोनबरसा से जदयू विधायक रहे रत्नेश सदा संभालेंगे। 16 जून को नीतीश कैबिनेट की बैठक में मंत्रिमंडल […]

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  • June 14, 2023 12:42 pm IST, Updated 2 years ago

पटना। बिहार के पूर्व जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने नीतीश कुमार को बड़ा झटका देते हुए मंत्रिमडल से इस्तीफा दे दिया है। वहीं संतोष सुमन के इस्तीफे से खाली हुए उनकी जगह को तीन बार सोनबरसा से जदयू विधायक रहे रत्नेश सदा संभालेंगे। 16 जून को नीतीश कैबिनेट की बैठक में मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा। जहां सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर रत्नेश सदा मंत्री पद की शपथ लेंगे।

रत्नेश सदा का सियासी सफर

रत्नेश सदा पढ़े लिखे व्यक्ति है, साथ में अच्छे वक्ता भी है। मुसहर समाज से आने वाले रत्नेश सदा ने कठिन परिश्रम से ये मुकाम हासिल किया है। उनके पिता लक्ष्मी सदा मजदूर रहे हैं जबकि खुद रत्नेश सदा ने लंबे समय तक रिक्शा चलाकर घर की जिम्मेदारी संभाली। सोनबरसा से लगातार तीन बार विधायक बने रत्नेश सदा का राजनीतिक सफर 1987 से शुरू हुआ था। वे जदयू के विभिन्न इकाइयों से निरंतर जुड़े रहें। वर्ष 2010 में पहली बार जदयू ने उन्हें टिकट दिया था, तब जाकर विधायक बने।

1.30 करोड़ के मालिक है सदा

चुनाव आयोग में दायर हलफनामे के मुताबिक रत्नेश सदा 49 साल के हैं और उन्होंने ग्रेजुएशन कर रखी है। उनके पास कुल चल-अचल संपत्ति 1.30 करोड़ है। उनके ऊपर कोई आपराधिक मुक़दमा दर्ज नहीं है। रत्नेश सदा के तीन बेटे और 2 बेटी है। सहरसा के कहरा कुट्टी वार्ड नंबर-6 के निवासी हैं। रत्नेश सदा कबीरपंथ को मानते हैं।


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