Sunday, November 10, 2024

बिहार में भी नए संसद भवन के उद्धघाटन का विरोध, जाने डिप्टी CM तेजस्वी यादव ने क्या कहा ?

पटना: देश में नए संसद भवन के उद्धघाटन को लेकर सियासत जारी है। इसी बीच अब बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने नए बने संसद भवन के उद्धघाटन के सवाल पर कहा कि हम उद्घाटन समारोह कार्यक्रम का बहिष्कार करेंगे. उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा ”राष्ट्रपति संसद का हेड होता है. और नए संसद भवन का उद्धघाटन राष्ट्रपति के द्वारा न करा कर राष्ट्रपति का अपमान किया जा रहा है.”

आपको बता दें कि विपक्ष के द्वारा मांग किया जा रहा है कि नए बने संसद भवन का उद्धघाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराया जाए. इसे लेकर कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है. बता दें कि नए बने संसद भवन का उद्घाटन 28 मई प्रधानमंत्री के द्वारा किया जाएगा.

राष्ट्रपति का अपमान किया जा रहा

डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने पटना में मीडिया से बात करते हुए कहा कि ”हमारी बात सभी लोगों से हुई है, हमलोगों ने फैसला किया है कि नए संसद भवन के उद्धघाटन समारोह का बहिष्कार करेंगे. क्योंकि हम लोगों का मानना है कि राष्ट्रपति के द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन कराना चाहिए क्योंकि राष्ट्रपति संसद का हेड होता है और राष्ट्रपति से उद्घाटन न कराकर उनका अपमान किया जा रहा है.”

वहीं कांग्रेस ने इस मामले पर मंगलवार को कहा कि इस पर उचित समय पर उचित फैसला लिया जायेगा कि कांग्रेस पार्टी उद्धघाटन समारोह में शामिल होगी या नहीं, वहीँ पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने सरकार पर आरोप लगाया है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सरकार ने इस समारोह से दूर रखकर उनके साथ उनके पुरे आदिवासी समाज का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, एक सामान्य पृष्ठभूमि से उठकर यहां तक पहुंची हैं, आखिर उनका अपमान क्यों किया जा रहा है। क्या इसलिए की वो आदिवासी समाज से आती हैं या फिर उनके राज्य (ओडिशा) में चुनाव नहीं है इसलिए ?

जेडीयू ने भी किया विरोध

वहीं इस उद्धघाटन समारोह का जेडीयू ने भी विरोध किया है। जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने बुधवार को कहा कि इस समारोह में जेडीयू हिस्सा नहीं लेगी. उन्होंने सीधे तौर पैसे की बर्बादी करने का आरोप लगाया साथ ही प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि अग्निवीर योजना के तहत जो लोग सैनिक बनेंगे उनको पेंशन देने के लिए सरकार के पास पैसे नहीं हैं। जहां केंद्र सरकार को पैसों के इस्तेमाल करने की जरूरत है वहां नहीं कर रही है. आपको बता दें कि लगभग सभी विपक्षी पार्टियां इस उद्धघाटन समारोह का विरोध कर रही हैं।

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