Friday, November 8, 2024

बिहार : कोर्ट से नोटिस जारी होने के बाद जी. कृष्णैया की पत्नी ने कहा हमें न्याय मिलेगा

पटना: आनंद मोहन की रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए बिहार सरकार से 2 हफ्तों के भीतर जवाब मांगा है. इस फैसले के बाद जी.कृष्णैया की पत्नी ने कहा कि हमें खुशी है कि कोर्ट की ओर से हमें सकारात्मक प्रक्रिया मिली है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोर्ट ने दो हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है. हमें विश्वास है कि हमें न्याय मिलेगा.

जारी किया नोटिस

आनंद मोहन की रिहाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने सहरसा के एसपी और बिहार सरकार को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने जारी नोटिस का जवाब 2 हफ्तों के अंदर मांगा है. आनंद मोहन की रिहाई को लेकर जी. कृष्णैया की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसपर कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

आज होने वाली थी सुनवाई

बिहार के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली है. जी. कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने आनंद मोहन की रिहाई के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. ये सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जे.के. माहेश्वरी की बेंच करने वाली है.

क्या फिर जाएंगे जेल ?

गोपालगंज के डीएम जी. कृष्णैया की हत्या के मामले में आनंद मोहन को उम्रकैद की सजा मिली थी, लेकिन जेल नियमों में बदलाव कर बिहार सरकार ने उन्हें रिहा कर दिया, जिस पर नीतीश सरकार की खूब आलोचना भी हुई. इसके साथ ही जी. कृष्णैया की बेटी और पत्नी ने नीतीश कुमार से आग्रह किया कि वो इस फैसले पर पुर्नविचार करें. उन्होंने कहा था कि अगर नीतीश सरकार अपने फैसले को नहीं बदलती है तो वो सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे.

1994 की है घटना

5 दिसंबर 1994 को मुजफ्फरपुर में गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैया की हत्या हुई थी. इस मामले में आनंद मोहन सिंह को दोषी पाया गया था. जी. कृष्णैया की हत्या के मामले में आनंद मोहन को पहले फांसी की सजा हुई थी, लेकिन बाद में उसे उम्रकैद की सजा में तब्दील कर दिया गया था.

रिहाई के लिए बदला नियम

साल 2012 में बिहार कारा अधिनियम में कुछ बदलाव किए गए थे, जिसके अनुसार अगर कोई व्यक्ति किसी सरकारी अधिकारी की हत्या में दोषी पाया जाता है तो सजा पूरी होने के बाद भी उसकी रिहाई का प्रवाधान नहीं था, लेकिन अप्रैल 2023 में नीतीश सरकार ने कारा अधिनियम में बदलाव करते हुए आनंद मोहन के साथ 26 अन्य कैदियों को रिहा कर दिया था.

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