पटना: बीते दिनों नीतीश सरकार द्वारा आनंद मोहन के साथ अन्य 26 अपराधियों को रिहा करने का नोटिफिकेशन जारी किया गया था. इस मामले में अब खबर सामने आ रही है कि सरकार से चूक हुई है. बताया जा रहा है कि सरकार द्वारा जिन 27 लोगों की रिहाई देने का ऐलान किया गया था. उनमें से एक व्यक्ति की पहले ही मौत हो चुकी है. इस मामले में बक्सर जेल सुप्रिटेंडेंट ने जानकारी साझा की है.
सगाई के दिन मिली थी रिहाई
आनंद मोहन को उनके बेटे की सगाई के दिन रिहाई मिलने की नोटिफिकेशन जारी किया गया था. उनके साथ ही अन्य 26 लोगों को भी रिहा किया जाना है, लेकिन आज बक्सर जेल सुप्रिटेंडेंट ने जानकारी साझा की कि, सरकार द्वारा जारी किए गए नामों में पतिराम नाम का एक व्यक्ति शामिल था,जिसकी पहले ही मृत्यु हो चुकी है. मिली जानकारी के अनुसार व्यक्ति की रिहाई होने से पहले ही मृत्यु हो चुकी है, लेकिन उस व्यक्ति का नाम भी लिस्ट में शामिल किया गया है.
विपक्ष कर रही है वार
बताया जा रहा है कि बक्सर जेल में बंद 93 वर्षीय पतिराम राय की मृत्यु एक साल पहले ही हो चुकी है, लेकिन गृह विभाग की ओर से जारी लिस्ट में उनका नाम भी शामिल है. इस शख्स को 35 साल पहले ही सजा हुई थी. आनंद मोहन की रिहाई के बाद से लगातार नीतीश कुमार के ऊपर विपक्ष निशाना साध रही है. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा था और उनपर राजपूत वोटों के लिए तुष्टिकरण का आरोप लगाया था. इस पर जदयू अध्यक्ष ने उनको बीजेपी की टीम बी कहा था.
मायावती बीजेपी की बी टीम
जदयू की ओर से ललन सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा है कि बीजेपी के कहने पर मायावती ने आनंद मोहन की रिहाई पर सवाल उठाया है और आनंद मोहन की रिहाई को दलित विरोधी बता रही हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मायावती बीजेपी की बी टीम हैं.
क्या कहा था मायावती ने?
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मयावती ने नीतीश कुमार को ट्वीट के माध्यम से घेरा है. मयावती ने आनंद मोहन की रिहाई को लेकर नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. बता दें कि आनंद मोहन इन दिनों पैरोल पर जेल से बाहर आए हैं. आनंद मोहन पर जी. कृष्णैया की हत्या का आरोप है, जिसमें वो सजा काट चुके हैं.