पटना: साल 2016 में लागू हुए शराबबंदी कानून के बाद से अब तक बिहार में जहरीली शराब पीकर सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन बावजूद इसके सरकार जहरीली शराब की अवैध बिक्री को रोकने में पूरी तरह से नाकामयाब है. बीते दिनों मोतिहारी जिलों में जहरीली शराब पीने का मामला सामने आया था. […]
पटना: साल 2016 में लागू हुए शराबबंदी कानून के बाद से अब तक बिहार में जहरीली शराब पीकर सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन बावजूद इसके सरकार जहरीली शराब की अवैध बिक्री को रोकने में पूरी तरह से नाकामयाब है. बीते दिनों मोतिहारी जिलों में जहरीली शराब पीने का मामला सामने आया था. इस घटना में अबतक 34 लोगों की मौत हो चुकी है. इस घटना के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए बिहार सरकार को जवाब मांगा है.
NHRC ने भेजा नोटिस
मोतिहारी शराब कांड के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने बिहार के डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी बिहार सरकार को नोटिस भेज 6 हफ्तों के भीतर उनसे जवाब मांगा है. अपने नोटिस में आयोग ने लगातार ऐसी हो रही घटनाओं पर अपनी चिंता जाहिर की है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कहा है कि ऐसा लगता है कि साल 2016 में शराबबंदी कानून लागू करने के बाद सरकार अवैध शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के क्रियान्वयव पर ध्यान नहीं दे रही है.
सारण में हुआ था हादसा
बता दें कि मोतिहारी से पहले साल 2022 के दिसंबर महीने में जहरीली शराब पीने से सारण जिले में कई लोगों की मौत हो गई थी. इस हादसे में कई परिवारों ने अपने सदस्यों को खोया था. इसके बाद भी लगातार शराब पीने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है और लोग बीमार होते जा रहे हैं.