दरभंगा: दरभंगा जिले के पावर प्लांट से सरकार द्वारा बिजली खरीदा जाता है. यह सुनकर शायद आप चौंक गए होंगे लेकिन ये सच है. सरकार दरभंगा के पावर प्लांट से बिजली खरीदना शुरू कर चुकी है. बताया जा रहा है कि ये काफी यूनिक प्रोजेक्ट है, जिसमें नीचे मछली पालन किया जाता है और ऊपर बिजली उत्पादन होता है.यह एक सोलर पावर प्लांट है. दरभंगा के कैदराबाद में करीब 5 से 6 एकड़ में एक तलाब है, जहां नीचे मछली पालन किया जाता है और ऊपर सोलर पैनलों से बिजली बनती है. साथ ही उस बिजली को सरकार को बेचा जाता है. प्रोजेक्ट में सबसे यूनिक बात ये है कि तलाब के ऊपर सोलर पैनल तैरता दिखता है.
अबतक 1893 मेगावाट बिजली का कर चुके हैं उत्पादन
यहां के जूनियर इंजीनियर ने बताया कि यह बिहार का इकलौता सोलर पावर प्लांट है जहां से सरकार बिजली खरीदती है. जानकारियों के मुताबिक यह प्लांट करीब 5 से 6 एकड़ में फैला हुआ है. प्लांट में दो तरीके से बिजली उत्पादन होता है. AC और DC. DC से करीब 1.75 मेगावाट का बिजली उत्पादन किया जाता है तो वहीं AC से प्रतिदिन करीब 1.6 मेगावाट बिजली का प्रोडक्शन होता है. साथ ही गर्मी के दिनों में प्लांट से एक दिन में करीब 9.8 मेगावाट तक बिजली का उत्पादन हो जाता है. यह उत्पादन अबतक का एक दिन का सबसे ज्यादा उत्पादन है. वहां के लोग बताते हैं कि जब से यह प्लांट लगा है, तब से करीब 1893 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा चुका है. बिहार राज्य के लिए यह प्रयोग काफी सराहनीय है. जहां सीमित संसाधनों में इतना मुनाफा कमाया जा सकता है.
10 से 12 लोग करते हैं काम
इस प्लांट में लगाए गए सोलर पैनलों की अगर बात की जाए तो इनकी संख्या करीब 3476 है. गैरतलब है कि इतने सोलर पैनलों से करीब 200 से 250 मेगावाट प्रति महीना बिजली उत्पादन किया जा सकता है. लोगों ने बताया कि इस प्लांट में करीब 10 से 12 वर्कर काम करते हैं. बिहार का ये पावर प्लांट राज्य का पहला ऐसा पावर प्लांट है जहां से सरकार बिजली खरीदती है. साथ ही ये एक अनोखा प्रयोग है, जहां नीचे मछलियों को पाला जाता है और ऊपर सोलर पैनलों को लगाकर बिजली पैदा किया जाता है. लाजिम हो कि बिहार में रोजगार को लेकर हमेशा मारामारी रहती है.ऐसे में ऐसे प्रोजेक्ट्स राज्य के खजाने भरने के साथ-साथ वहां रोजगार के मौके भी पैदा करते हैं.