पटना। आज पूरे देश में भक्ति-भाव के साथ बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है। आज के शुभ अवसर पर सोमवार को मां शारदे की विधि-विधान से पूजी की जाती है। रविवार को माघ शुक्ल पंचमी शुरू हो गई है, लेकिन उदयातिथि के कारण पटना में सरस्वती पूजा सोमवाीर के दिन मनाई जा रही […]
पटना। आज पूरे देश में भक्ति-भाव के साथ बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है। आज के शुभ अवसर पर सोमवार को मां शारदे की विधि-विधान से पूजी की जाती है। रविवार को माघ शुक्ल पंचमी शुरू हो गई है, लेकिन उदयातिथि के कारण पटना में सरस्वती पूजा सोमवाीर के दिन मनाई जा रही है।
सोमवार को श्रद्धालु रेवती नक्षत्र में सिद्धि एवं साध्य योगी के मेल के बीच ज्योतिषाचार्य पीके युग बताते है कि पंचमी तिथि सोमवार को सुबह 9.36 बजे तक ही रहेगी। इसके पहले पूजा करना श्रेयस्कर होगा। वैसे उदयातिथि के कारण पूरे दिन मां सरस्वती की पूजा की जाएगी। उन्होंने बताया कि ब्रह्मवैवर्त पुराण में इस तिथि को अक्षारमभ ,विद्यारम्भ आदि के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन छोटे बच्चों को खल्ली छूने की परंपरा से उसके पढ़ाई-लिखाई की शुरूआत कराने का विधान होता है।
इस दिन से खल्ली छूने की परंपरा से पैरेंट्स की ओर से अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई की शुरूआत किया जाता है। ज्योतिषाचार्य पीके युग ने बताया कि बसंत पंचमी के दिन अबूझ मुहूर्त होता है। इसका मतलब है कि इस दिन मुंडन, गृह प्रवेश, संस्कार, भवन निर्माण की नींव डालना, जमीन और वाहन आदि की खरीदारी की जा सकती है। इस दिन पीले या सफेद कपड़े पहनने चाहिए। इसके बाद पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके पूजा की शुरूआत की जाती है।
सूर्योदय या सूर्यास्त के बाद के ढाई घंटे बाद पूजा की शुरूआत करनी चाहिए। मां सरस्वती को चंदन और पीले या सफेद फूल अर्पित करने चाहिए। प्रसाद में मिश्री, दही और लावा का भोग लगाकर बांटना चाहिए। केसर से बनी खीर भी मां सरस्वती को अर्पित कर सकते है। इसके बाद मां सरस्वी के मूल मंत्र का जाप करना चाहिए।