पटना: राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने के बाद से राजनीतिक गलियारों में सरगर्मी बढ़ती जा रही है. तमाम विपक्षी पार्टियां उनके पक्ष में अपने बयान जारी कर रहे हैं. इसके साथ ही कई विपक्षी नेता भी राहुल गांधी के समर्थन में अपने राय दे रहे हैं. इसी कड़ी में अब जनता दल यूनाइटेड के […]
पटना: राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने के बाद से राजनीतिक गलियारों में सरगर्मी बढ़ती जा रही है. तमाम विपक्षी पार्टियां उनके पक्ष में अपने बयान जारी कर रहे हैं. इसके साथ ही कई विपक्षी नेता भी राहुल गांधी के समर्थन में अपने राय दे रहे हैं. इसी कड़ी में अब जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि इस मामले में जिस तरीके से फैसला लिया गया उससे ये मालूम होता है कि केंद्र सरकार हताश है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस फैसले में केंद्र सरकार की भूमिका होने की भी बात रखी.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सीबीआई और ईडी को लेकर 14 राजनीतिक दलों ने याचिका दायर की है. याचिकाकर्ताओं में से एक मैं भी हूं.
ललन सिंह ने केंद्र सरकार के पर आरोप लगाते हुए कहा कि राहुल गांधी के मामले में केंद्र सरकार ने 10 घंटे के भीतर सारे सारी प्रक्रियाएं पूरी कर ली. इसके साथ ही ललन सिंह ने कहा कि लोगों का विश्वास भारतीय जनता पार्टी से खत्म हो रहा है, जिससे से वो लोग हताश हैं, लेकिन लोग सारी चीजों को देख रहे हैं. देश की जनता काफी सक्रिय है. लोकसभा 2024 चुनावों में जनता भारतीय जनता पार्टी को जवाब दे देगी.
इस दौरान उन्होंने लैंड फॉर जॉब मामले में कहा कि जमीन के बदले नौकरी घोटाला केस की जांच यूपीए सरकार में भी की गई. उस वक्त सीबीआई ने फाइल बंद कर दिया. इसके बाद इस मामले की जांच 2014 में फिर शुरू की गई, लेकिन वो ठंडे बस्ते में चला गया, लेकिन साल 2022 में जब नीतीश कुमार बीजेपी को छोड़कर महागठबंधन के साथ सरकार बनाई तो ये जांच फिर से शुरू कर दी गई. इन सारी चीजों से यह साफ हो जाता है कि केंद्र सरकार सीबीआई, ईडी और आईटी का इस्तेमाल राजनीतिक मामले में कर रही है.
इसके साथ ही ललन सिंह ने कहा कि 14 राजनीतिक दलों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है. उन याचिकाकर्ताओं में से एक मैं भी हूं. हमने सुप्रीम कोर्ट में यही कहा कि जिस प्रकार सरकार द्वारा सरकारी संस्थाओं का दुरुप्योग किया जा रहा है. उस पर ध्यान दिया जाना चाहिए. बता दें कि पांच अप्रैल को इस मामले में सुनवाई होनी है.