पटना। लोक आस्था का महापर्व चैती छठ आज यानी कि 25 मार्च को चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से प्रारंभ हो गया है। आज इस महापर्व का पहला दिन अर्थात नहाय खाय है। इस बार चार दिवसीय चैती छठ का प्रारंभ रवि योग में हुआ है। रवि योग में सूर्य का प्रभाव […]
पटना। लोक आस्था का महापर्व चैती छठ आज यानी कि 25 मार्च को चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से प्रारंभ हो गया है। आज इस महापर्व का पहला दिन अर्थात नहाय खाय है। इस बार चार दिवसीय चैती छठ का प्रारंभ रवि योग में हुआ है। रवि योग में सूर्य का प्रभाव होता है और चैती छठ भी सूर्य की उपासना का त्योहार है।
ज्योतिषों के अनुसार इस बार चैती छठ में कई शुभ योग बन रहे हैं। चैती छठ के प्रारंभ और डूबते सूर्य को अर्घ्य देने वाले दिन रवि योग बना है। वहीं जिस दिन अस्ताचलगामी सूर्य को जल अर्पित करके पूजा की समाप्ति की जाएगी, उस दिन द्विपुष्कर योग बना है। बताया जाता है कि द्विपुष्कर योग में पूजा करने से दोगुने फल की प्राप्ति होती है।
बता दें कि छठ महापर्व दो बार मनाया जाता है। चैत्र और कार्तिक मास में। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाए जाने वाले पर्व को चैती छठ कहते है। बिहार में यह पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। महिलाएं अपने संतान प्राप्ति , उसकी अच्छी सेहत और उन्नति के लिए 36 घंटे के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। पारण के दिन पूजा के बाद अपना व्रत खोलती हैं।