नशे की हालत में चूर हुए युवा, किसी ने घर में लगाई आग, बेचा अपना ही खून

पटना। पूर्णिया के मरंगा थाना क्षेत्र से एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है। जहां के निवासी विकास दास को सूखे नशे की इतनी गंदी लत लग गई थी। उसने नशे को खरीदने के लिए अपने खून को कई बार बेचा। नशे की सौदा उसने अपने खून से किया। शरीर में खून बनने में काफी […]

Advertisement
नशे की हालत में चूर हुए युवा, किसी ने घर में लगाई आग, बेचा अपना ही खून

Pooja Pal

  • January 20, 2025 6:15 am IST, Updated 2 days ago

पटना। पूर्णिया के मरंगा थाना क्षेत्र से एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है। जहां के निवासी विकास दास को सूखे नशे की इतनी गंदी लत लग गई थी। उसने नशे को खरीदने के लिए अपने खून को कई बार बेचा। नशे की सौदा उसने अपने खून से किया। शरीर में खून बनने में काफी समय लगता है, लेकिन इस व्यक्ति ने खून से ज्यादा अपने नशे की लत को ऊपर रखा।

नशे के लिए 10 बार खून बेचा

विकास दास ने नशे की लत में 10 बार अपना खून बेचा। खून को बेचकर बदले में उसने खतरनाक नशा स्मैक खरीदा। वहीं खचांजी थाना क्षेत्र के समीर को नशे के लिए स्मैकी की जरुरत थी। समीर ने स्मैक के लिए पैसों की तलाश की और जब पैसा नहीं मिले तो उसने अपने ही घर में आग लगा दी। मुफस्सिल थाना क्षेत्र के 17 साल के राहुल ने गर्लफ्रेंड की डिमांड और अपने शौक पूरे करने के लिए स्मैक की तस्करी करना शुरू कर दिया। फायदा नजर आया तो वह खुद ही नकली स्मैक बनाकर बेचने लगा।

पैसों के लालच में करते है काम

इस धंधे ने उसके लालच को जन्म दिया। ये कुछ ही केस है, जो बिहार के पूर्णिया से सामने आए हैं। जो ये बताने के लिए काफी हैं कि किस तरह से जिले में सूखे नशे का कारोबार फल-फूल रहा है। कैसे ज्यादा पैसों की लालच में नाबालिग से लेकर बड़े लोग इस धंधे में शामिल हैं। एक तस्कर ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि एक पुड़िया में 1 ग्राम होता है और इनकी कीमत 1000 रुपए या इससे अधिक होती है। इसमें मोलभाव भी होता है, जिसके बाद तस्कर इसे 800 रुपए में भी बेच देते हैं।

अपराध के बढ़ने के कारण स्मैक

इसके अतिरिक्त पूर्णिया में नकली स्मैक का धंधा तेजी से चल रहा है, जिसे स्थानीय स्तर पर बनाया जाता है। इसमें मात्र 100 रुपए लगते हैं। जिसे 1000 रुपए के हिसाब से बेचा जाता है। इस तरह नकली स्मैक की तस्करी से 900 रुपए का फायदा होता है। पूर्णिया में स्मैक मणिपुर, नेपाल, झारखंड, बंगाल, यूपी, बंगाल और पंजाब से खरीदा जाता है। 70 फीसदी स्मैक केवल बंगाल से लाया जाता है। आपराधिक घटनाओं के बढ़ने का एक कारण युवाओं में बढ़ता स्मैक का क्रेज भी है।

Advertisement