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मकर संक्रांति आज, तिल डालकर क्यों करते हैं स्नान

पटना। सूर्य जिस दिन मकर राशि में प्रवेश करते हैं, उस दिन मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है. साल में 12 संक्रांति होती है लेकिन मकर संक्रांति सभी में महत्वपूर्ण है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दान करने वालों को पुण्य मिलता है. इसे सूर्य उत्तरायण पर्व के नाम से भी जाना […]

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Makar Sankranti
  • January 14, 2025 2:29 am IST, Updated 6 months ago

पटना। सूर्य जिस दिन मकर राशि में प्रवेश करते हैं, उस दिन मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है. साल में 12 संक्रांति होती है लेकिन मकर संक्रांति सभी में महत्वपूर्ण है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दान करने वालों को पुण्य मिलता है. इसे सूर्य उत्तरायण पर्व के नाम से भी जाना जाता है. इस साल मकर संक्रांति का पर्व आज 14 जनवरी को है. इस दिन महाकुंभ का शाही स्नान भी किया जाएगा.

क्या है मान्यता?

मकर संक्रांति के दिन सूर्य अपना क्रोध त्यागने शनिदेव के घर गए थे। मान्यता है कि इस दिन पानी में काले तिल मिलाकर स्नान करने से शनिदेव बहुत प्रसन्न होते हैं। इस दिन स्नान करने से भक्त को 7 अश्वमेध यज्ञ करने जितना पुण्य मिलता है। मकर संक्रांति के दिन स्नान करने से पहले कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए। मकर संक्रांति के दिन तिल का दान करना बहुत शुभ होता है। इस दिन काले तिल का दान करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से राहत मिलती है।

सूर्य पूजा करने की विधि

मकर संक्रांति के अवसर पर एक लोटे में जल, सिंदूर, लाल फूल और तिल मिलाकर सूर्य उदय होने पर सूर्य को अर्घ्य दें। सूर्य देव का ध्यान करते हुए जल अर्पित करें और ‘ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः’ मंत्र का तीन बार जाप करें।

माघ माह की शुरुआत

इस साल मकर संक्रांति से माघ महीने की शुरुआत भी हो रही है। माघ महीने में स्नान और दान का महत्व दोगुना बढ़ जाता है। इसके प्रभाव से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और सभी परेशानियों से मुक्ति मिलती है। मकर संक्रांति पर सूर्य दक्षिण से उत्तर की ओर गति करता है, इसलिए दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं।

खरमास होगा खत्म

मकर संक्रांति के साथ ही खरमास भी खत्म हो जाएगा। खरमास में शादी, विवाह, मुंडन और गृह प्रवेश जैसे शुभ और मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं। ऐसे में मकर संक्रांति के साथ ही शुभ और मांगलिक कार्यों पर लगी रोक भी हट जाएगी।


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