आयोग की तरफ से प्रशांत किशोर को नोटिस, सात दिनों का मिला मौका

पटना: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के बाद जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर कानूनी फेरे में फंसते नजर आ रहे हैं। BPSC की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को लेकर उठे विवाद ने अब नया मोड़ ले लिया है। पेपर का हुआ था सौदा BPSC पर गंभीर आरोप लगाते हुए […]

Advertisement
आयोग की तरफ से प्रशांत किशोर को नोटिस, सात दिनों का मिला मौका

Shivangi Shandilya

  • January 11, 2025 6:14 am IST, Updated 22 hours ago

पटना: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के बाद जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर कानूनी फेरे में फंसते नजर आ रहे हैं। BPSC की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को लेकर उठे विवाद ने अब नया मोड़ ले लिया है।

पेपर का हुआ था सौदा

BPSC पर गंभीर आरोप लगाते हुए PK ने दावा किया था कि आयोग ने परीक्षा पेपर के लिए 30 लाख से 1.5 करोड़ रुपये में सौदा किया था। इन आरोपों के बाद प्रशांत किशोर ने पटना के गांधी मैदान में भूख हड़ताल भी शुरू कर दी थी। उन्होंने यह भी कहा कि बीपीएससी ने जानबूझकर परीक्षा रद्द कर दी है, ताकि परीक्षा दोबारा आयोजित न हो और सीटों की बिक्री जारी रहे।

आयोग ने भेजा नोटिस

आयोग ने प्रशांत किशोर के इन आरोपों को गंभीरता से लिया है और उन्हें नोटिस भेजा है। नोटिस में प्रशांत किशोर से कहा गया है कि वे 7 दिनों के अंदर अपने आरोप साबित करें या फिर माफी मांगें। आयोग ने साफ किया है कि अगर वे आरोप साबित नहीं कर पाए तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

आरोपों पर कायम रहेंगे PK

प्रशांत किशोर ने साफ तौर पर कहा है कि वह अपने आरोपों पर कायम रहेंगे। उन्होंने कहा कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने से पीछे नहीं हटेंगे और जरूरत पड़ने पर अदालत का दरवाजा भी खटखटाएंगे। आयोग ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हुए इसे साजिश करार दिया है। बीपीएससी ने कहा कि तकनीकी कारणों से परीक्षा रद्द करना जरूरी था और ये आरोप बेबुनियाद हैं।

कई सवाल खड़ा कर दिया

बता दें कि इस मामले ने एक बार फिर बिहार की प्रशासनिक परीक्षाओं में पारदर्शिता और भरोसे के सवाल को चर्चा में ला दिया है। अब देखना यह है कि प्रशांत किशोर अपने आरोपों को कैसे साबित करते हैं या इस मामले में कोई नई पहल सामने आती है।

Advertisement