पटना। राजवाही गांव के निवासी दो युवकों की मणिपुर की राजधानी इंफाल के काकचिंग में गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना के बाद राजवाही गांव में मातम छाया हुआ है। दोनों युवकों के घर में चीख-पुकार का माहौल है। दोनों मजदूरी के काम से लौट रहे थे मृतक दशरथ कुमार की मां राधिका दरवाजे […]
पटना। राजवाही गांव के निवासी दो युवकों की मणिपुर की राजधानी इंफाल के काकचिंग में गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना के बाद राजवाही गांव में मातम छाया हुआ है। दोनों युवकों के घर में चीख-पुकार का माहौल है।
मृतक दशरथ कुमार की मां राधिका दरवाजे पर बेसुध पड़ी है। इस घटना की जानकारी पुलिस को दी गई। जैसे ही लोकल 18 की टीम वहां पहुंची , वह रो-रोकर हाथ जोड़कर कहने लगी कि मेरे बेटे का शव मंगा दीजिए। मैं अपनी आंखों से देख लूंगी उसके अलावा मुझे और कुछ नहीं चाहिए। घटना की जानकारी देते हुए दशरथ के पिता मोहन साह बताते हैं कि उनके 6 बेटे हैं। मृतक दशरथ उनका तीसरे नंबर का बेटा है। उससे बड़ा बेटा भी उसके साथ ही मजदूरी के काम पर गया था। दोनों एक साथ ड्यूटी से लौट रहे थे।
दशरथ साइकिल से आ रहा था, तो उसका बड़ा भाई पीछे पैदल आ रहा था। रास्ते में देखा उसने देखा कि लहूलुहान हालत में छोटे भाई का शव पड़ा हुआ है। किसी ने गोली मारकर उसे मौत के घाट उतार दिया। उसी ने घर पर फोन करके इसकी जानकारी दी थी। मृतक दशरथ की मां राधिका देवी का कहना हैं कि 6 माह पहले उस (मृतक) के दादा की मृत्यु हुई थी। उनके श्राद्धकर्म करने में उनके ऊपर कर्जा हो गया। गरीबी के कारण कर्ज उतारना मुश्किल है, इसलिए दोनों बेटों को मजदूरी के लिए मणिपुर भेज दिया।
कौन जानता था कि वह जिंदा नहीं बल्कि मरा हुआ घर लौटेगा। यह कहते हुए राधिका बेहोश नीचे गिर पड़ी। स्थानीय वार्ड सदस्य शिवचरण मुखिया ने कहा कि गरीबी के कारण वे दोनों मजदूरी करने मणिपुर गए थे। अब जब उनकी मौत हो गई, तो घर का जिम्मेदारी कौन उठायेगा, कौन कर्जा उतारेगा। इसलिए सरकार को उचित मुआवजा देना चाहिए, ताकि उनके परिवार का भरण पोषण हो सके।