पटना: बिहार में एक बार फिर अलग मिथिला राज्य बनाने की मांग तेज हो गई है. बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री और राजद नेता राबड़ी देवी ने विधान परिषद के शीतकालीन सत्र में अलग मिथिला क्षेत्र बनाने की मांग की. इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों को इस मुद्दे पर कार्रवाई करनी […]
पटना: बिहार में एक बार फिर अलग मिथिला राज्य बनाने की मांग तेज हो गई है. बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री और राजद नेता राबड़ी देवी ने विधान परिषद के शीतकालीन सत्र में अलग मिथिला क्षेत्र बनाने की मांग की. इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों को इस मुद्दे पर कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि बीजेपी नेताओं को इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करनी चाहिए. राबड़ी देवी ने सदन के बाहर मीडिया से बात करते हुए यह बात दोहराई.
सदन में मैथिली भाषा पर चर्चा के दौरान राबड़ी देवी ने यह मांग उठाई. सदन में एमएलसी हरि सहनी संविधान को मैथिली भाषा में लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दे रहे थे. हरि सहनी कह रहे थे कि अटल जी ने मैथिली भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल कराया था और अब पीएम मोदी ने मैथिल लोगों को बड़ा सम्मान दिया है.
सदन की कार्यवाही के दौरान राबड़ी देवी ने कहा, ‘मैथिली भाषा को सम्मान देना अच्छा कदम है, लेकिन मिथिला राज्य भी बनना चाहिए.’ इस बयान से बिहार के राजनीति में हलचल तेज हो गई है. राबड़ी देवी ने आगे कहा, ‘बीजेपी केंद्र और राज्य दोनों जगह सत्ता में है. ऐसे में अगर मैथिली भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल किया जा सकता है तो इसे अलग राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिया जा सकता है? यह जनता की मांग है और सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए.
बता दें कि मैथिली भाषी लोग लंबे समय से अलग मैथिली राज्य की मांग कर रहे हैं और समय-समय पर इसे लेकर कई आंदोलन भी हुए हैं.