पटना: बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन आज 26 नवंबर आरक्षण के मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने आए हैं. कांग्रेस और राजद विधायक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं, इस मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि महागठबंधन सरकार में जातीय जनगणना करायी गयी थी. तेजस्वी यादव आरक्षण को […]
पटना: बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन आज 26 नवंबर आरक्षण के मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने आए हैं. कांग्रेस और राजद विधायक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं, इस मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि महागठबंधन सरकार में जातीय जनगणना करायी गयी थी.
तेजस्वी यादव ने कहा यह तो महागंठबंधन सरकार ने ही करवाया था. इसके बाद आरक्षण का दायरा बढ़ाया गया. इसे 50 से बढ़ाकर 65% कर दिया गया. पटना हाईकोर्ट ने इसे रद्द कर दिया. हमें और सीएम नीतीश को भी शक था कि बीजेपी के लोग कोर्ट जाएंगे और किसी तरह बढ़े हुए आरक्षण को रद्द करा देंगे. इन लोगों ने इसे अंजाम दे दिया.
उन्होंने आगे कहा कि अब बिहार सरकार बताए कि 65 फीसदी आरक्षण कैसे लागू होगा? क्या इसे संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए कोई कदम उठाए जा रहे हैं? हमें बताइए। क्या केंद्र सरकार आरक्षण के पक्ष में है या नहीं? 65% आरक्षण संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल होगा या नहीं? मुझे बताओ।
वहीं, तेजस्वी यादव के आरोप पर डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने कहा कि बिना सबूत हमारे ऊपर गलत आरोप न लगाएं, बीजेपी के लोग पटना हाई कोर्ट गए और बढ़े हुए आरक्षण को रद्द कराया. तेजस्वी यादव झूठ बोल रहे हैं.
डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि पटना हाईकोर्ट ने बढ़े हुए आरक्षण को रद्द कर दिया है. आप कोर्ट के फैसले पर सवाल उठा रहे हैं. आपके माता-पिता ने 15 वर्ष तक शासन किया। राजद शासनकाल में कितने लोगों को आरक्षण मिला? आप आरक्षण का मजाक उड़ा रहे हैं. मामला सुप्रीम कोर्ट में है.
वहीं, वॉकआउट से पहले तेजस्वी यादव ने बिहार में आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 85% करने की मांग की. उन्होंने कहा कि कैबिनेट बैठक कर निरस्त किये गये आरक्षण कानून के मसौदे को संशोधित कर इस शीतकालीन सत्र को 2 दिन बढ़ाये और नया कानून बनाये.