पटना: लैंड फॉर जॉब मामले में राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ सकती हैं. इस मामले में सीबीआई ने आज मंगलवार को 30 लोक सेवकों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया. वहीं एक लोक सेवक के खिलाफ आरोप पत्र दायर करने का इंतजार है. दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट […]
पटना: लैंड फॉर जॉब मामले में राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ सकती हैं. इस मामले में सीबीआई ने आज मंगलवार को 30 लोक सेवकों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया. वहीं एक लोक सेवक के खिलाफ आरोप पत्र दायर करने का इंतजार है.
सीबीआई ने अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी लेने के लिए अदालत से 15 दिन का और समय मांगा था. दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई से आरोपियों के लिए क्लीयरेंस लेने की प्रक्रिया तेज करने को कहा था.
इस मामले में सीबीआई पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी पहले ही दाखिल कर चुकी है. सीबीआई की ओर से दी गई अंतिम चार्जशीट पर गृह मंत्रालय ने राजद अध्यक्ष और बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी थी. CBI ने राऊज एवेन्यू कोर्ट को इस बारे में सभी प्रकार की जानकारी सौंप दी है.
लालू यादव पर आरोप है कि यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री रहते हुए उन्होंने गुपचुप तरीके से पटना के 12 लोगों को ग्रुप डी में नौकरी दी और उनसे अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर पटना में जमीन की रजिस्ट्री करवा ली. सीबीआई का दावा है कि प्लॉट्स की रजिस्ट्री राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव के नाम पर की गई थी।
बता दें कि यह पूरा मामला 2004 से 2009 के बीच हुआ था। सीबीआई जांच में सात ऐसे मामले सामने आए, जहां उम्मीदवारों को कथित तौर पर नौकरियां दी गईं और उनके परिवार के सदस्यों ने लालू प्रसाद यादव के परिवार को जमीन हस्तांतरित कर दी। इस मामले में सीबीआई ने 2021 में प्रारंभिक जांच में जुट गई।