Wednesday, October 23, 2024

36 घंटे का निर्जला व्रत छठ महापर्व को लेकर लोगों में कंफ्यूजन, आखिर कब है?

पटना: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, छठ पूजा का त्योहार हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। यह महापर्व नहाय खाय से शुरू होकर चार दिनों तक चलता है. छठ पूजा का व्रत कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है।

बहुत कठिन हैं छठ महापर्व का व्रत रखना

बता दें कि महिलाएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए सूर्य देव और छठी मैया की पूजा करती हैं। इस महापर्व के दौरान महिलाएं 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखती हैं। इसी वजह से छठ व्रत को सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है.

दीपावाली को लेकर लोग कन्फ्यूज्ड

इस साल दिवाली की तारीख को लेकर काफी असमंजस की स्थिति है. कुछ लोगों का मानना है कि दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी, वहीं कुछ लोग 1 नवंबर को दिवाली मनाने की बात कर रहे हैं. हालांकि, हर साल छठ पर्व दिवाली के 6 दिन बाद शुरू होता है।

छठ पूजा की तारीखों पर कन्फ्यूजन

लेकिन इस बार छठ पूजा की तारीख को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. आपकी उलझन दूर करने के लिए आइए हम आपको बताते हैं कि इस बार छठ पूजा कब होगी।

कार्तिक छठ पूजा कब?

पंचांग के अनुसार छठ पूजा की शुरुआत कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होती है. वहीं, षष्ठी तिथि के दिन शाम के समय सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस वर्ष कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 7 नवंबर को रात्रि 12.41 बजे प्रारंभ हो रही है, जो 8 नवंबर को रात्रि 12.34 बजे समाप्त होगी। इस वजह से उदया तिथि के मुताबिक, छठ पूजा 7 नवंबर को हैं.

दीपावाली पर निर्भर है इस बार का छठ पर्व

वहीं बिहार में अगर दिवाली 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा, तो इस हिसाब से छठ पूजा 6 नवंबर को मनाई जाएगी. अगर बिहार में दिवाली 1 नवंबर को मनाया जाएगा तो इस अनुसार से छठ पूजा 7 नवंबर को मनाई जाएगी.

2024 छठ पूजा कैलेंडर

छठ पूजा का पहला दिन, 5 नवंबर 2024- नहाय खाय
छठ पूजा का दूसरा दिन, 6 नवंबर 2024- खरना
छठ पूजा का तीसरा दिन, 7 नवंबर 2024- संध्या अर्घ्य
छठ पूजा का चौथा दिन, 8 नवंबर 2024- उषा अर्घ्य (भोरवा अर्घ्य)

नहाय खाय से छठ महापर्व की शुरुआत

छठ पूजा का महापर्व पहले दिन नहाय-खाय के साथ शुरू होता है. दूसरे दिन लोहंडा और खरना होता है. वहीं, तीसरे दिन शाम का अर्घ्य और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद निर्जला व्रत खोला जाता है। व्रत पूरा होने के साथ ही यह त्योहार समाप्त हो जाता है.

क्यों मनाई जाती है छठ पूजा?

दरअसल, हिंदू धर्म के लोग छठ पर्व को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। लेकिन बिहार में छठ पूजा का अलग ही जश्न है. महिलाएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और सुखी जीवन के लिए छठ व्रत रखती हैं। इस व्रत के दौरान साफ-सफाई और पवित्रता का विशेष ध्यान रखा जाता है। माना जाता है कि इस महापर्व पर व्रत रखने से नि:संतान को संतान का सुख मिलता है.

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