Kojagara Puja 2024: मिथिला का लोकपर्व कोजागरा कल, जानें व्रत से जुड़ीं कुछ अहम बातें

पटना: शरद पूर्णिमा कई मायनों में बहुत खास मानी जाती है। आश्विन माह के अंतिम दिन यानी पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है, इस रात खीर बनाकर रात भर चांदनी में रखने की परंपरा है, कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा 16 कलाओं से पूर्ण हो जाता है। माना जाता है कि […]

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Kojagara Puja 2024: मिथिला का लोकपर्व कोजागरा कल, जानें व्रत से जुड़ीं कुछ अहम बातें

Shivangi Shandilya

  • October 15, 2024 11:53 am IST, Updated 2 months ago

पटना: शरद पूर्णिमा कई मायनों में बहुत खास मानी जाती है। आश्विन माह के अंतिम दिन यानी पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है, इस रात खीर बनाकर रात भर चांदनी में रखने की परंपरा है, कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा 16 कलाओं से पूर्ण हो जाता है। माना जाता है कि इस दौरान आसमान से अमृत की बारिश भी होती है। इसी दिन यानी कल बुधवार को मिथिला का लोकपर्व कोजागरा मनाया जाएगा।

रात के समय खुले आसमान के निचे रखें खीर

ऐसा माना जाता है कि रात के समय खीर रखने से इसमें अमृत के गुण आ जाते हैं और इसे खाने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है। दिवाली से पहले शरद पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी की विशेष पूजा का महत्व होता है। इसे कोजागरा पूजा भी कहा जाता है. तो चलिए जानते है कोजागरा पूजा से जुड़ी कुछ अहम जानकारी।

कल है कोजागरा पूजा

बता दें कि कोजागरा पूर्णिमा या कोजागरा पूजा 16 अक्टूबर को है। यह त्योहार मुख्य रूप से बिहार, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और असम में अश्विन पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माना जाता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी अपने भक्तों के घर आती हैं। देवी लक्ष्मी के आठ रूप हैं, इनमें से किसी भी रूप का ध्यान करने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

कोजागरा पूजा शुभ मुहूर्त

अश्विन पूर्णिमा तिथि शुरू – 16 अक्टूबर 2024, रात 08.40
अश्विन पूर्णिमा तिथि समाप्त – 17 अक्टूबर 2024, शाम 04.55
कोजागरा पूजा निशिता काल – रात 11:42 – प्रात: 12.32, अक्टूबर 17
कोजागरा पूजा के दिन चन्द्रोदय – शाम 05:05

क्यों की जाती है कोजागरा पूजा?

कोजागरा पूजा का महत्व वालखिल्य ऋषि ने बताया है। कोजागरा पूजा की रात, देवी लक्ष्मी जागरण करने वाले भक्तों को वरदान देने के लिए पृथ्वी पर भ्रमण करने आती हैं। दरिद्रता से घिरे सभी भक्तों को यह व्रत अवश्य करना चाहिए।

जानें पूजा करने का महत्व

बता दें कि, जो कोई भी इस दिन व्रत रखता है और रात में देवी लक्ष्मी की पूजा करता है, उसे न केवल इस जीवन में बल्कि अन्य जन्मों में भी समृद्धि, स्वास्थ्य और पुत्र-पौत्रों का सुख मिलता है। कोजागरा व्रत कथा के अनुसार, आश्विन पूर्णिमा की रात को देवी लक्ष्मी विश्व भ्रमण पर निकलती हैं और जो भी भक्त उन्हें जागते हुए मिलता है, देवी मां उसे धन-संपत्ति प्रदान करती हैं।

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