Saturday, September 21, 2024

Bihar Land Survey: बिहार लैंड सर्वे का काम टला! भूमि सुधार मंत्री ने किया बड़ा ऐलान

पटना: इन दिनों बिहार में नीतीश सरकार की तरफ से जमीन सर्वे का काम जारी है। इस बीच बिहार में भूमि सर्वेक्षण को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. बिहार भूमि सर्वेक्षण के नियमों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. यह जानकारी भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री दिलीप जयसवाल ने पूर्णिया में मीडिया से बात करते हुए दी.

3 माह का मिला समय

बता दें कि पूर्णिया में मंत्री दिलीप जयसवाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि रैयतों को तीन महीने का समय दिया जा रहा है, ताकि रैयतों को दस्तावेज ढूंढने में कोई परेशानी नहीं होगी और इस दौरान सर्वे टीम में लगे सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी।

पूर्णिया दौरे के दौरान किया ऐलान

बता दें कि सांसद पप्पू यादव के पिता के निधन के बाद मंत्री दिलीप जयसवाल पूर्णिया पहुंचे थे, जहां उन्होंने पप्पू यादव को सांत्वना भी दी. पूर्णिया में मीडिया से बात करते हुए भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री दिलीप जयसवाल ने कहा कि हमने फैसला ले लिया है, अब हम रैयतों को दस्तावेज ढूंढने और वापस लेने के लिए तीन महीने का समय देंगे.

दो दिन में जारी होगा नोटिस

इसके लिए हम दो दिन में पत्र जारी करेंगे. इस दौरान हम सभी जन प्रतिनिधियों के साथ बैठेंगे और समझेंगे कि इस दौरान क्या-क्या दिक्कतें आ रही हैं. इसके बाद हम किरायेदार, जो जमीन का मालिक है, के साथ भी बैठेंगे. इस संबंध में हमने अपने विभाग के सभी सीओ को भी पटना बुलाया है और सभी को अपनी आदतों में सुधार लाने का निर्देश दिया है, अन्यथा मंत्री दिलीप जयसवाल किसी को भी बख्शने वाले नहीं हैं.

20 अगस्त से शुरू है लैंड सर्वे

बता दें कि बिहार में विशेष भूमि सर्वेक्षण का काम 20 अगस्त 2024 से शुरू है, लेकिन लोग इन मामलों को लेकर नाराज हैं. भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया में आम लोगों को जमीन संबंधी दस्तावेज लेने के लिए प्रखंड एवं जिला कार्यालय का चक्कर लगाने में परेशानी होती है. इस सर्वे से आम जनता में सरकार के प्रति असंतोष बढ़ सकता है. इसे देखते हुए सरकार ने इस सर्वे को कुछ महीनों के लिए टालने का फैसला किया है.

लोगों को दिया भरोसा

हालांकि, राज्य के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जयसवाल ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि यह सर्वेक्षण लोगों को राहत देने के उद्देश्य से किया जा रहा है, न कि उनकी जमीन छीनने के लिए. फिर भी जनता की समस्याएं और आशंकाएं बरकरार हैं, जो सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गई है.

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