पटना। हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। हिंदी एक ऐसी भाषा है जो देश के करोड़ो लोगों को जोड़ती है। हिंदी भाषा देश में सम्मान और गर्व का प्रतीक है। हिंदी भाषा सांस्कृतिक विरास्त और एकता को दर्शाता है। हिंदी दिवस का एक खास महत्व होता है और इसे मनाने के […]
पटना। हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। हिंदी एक ऐसी भाषा है जो देश के करोड़ो लोगों को जोड़ती है। हिंदी भाषा देश में सम्मान और गर्व का प्रतीक है। हिंदी भाषा सांस्कृतिक विरास्त और एकता को दर्शाता है। हिंदी दिवस का एक खास महत्व होता है और इसे मनाने के पीछे का उद्देश्य भी काफी अहम है।
हिंदी भाषा संस्कृत से उत्पन्न हुई है। हिंदी भाषा की लिपि देवनागरी है। यह भाषा भारत के कई राज्यों में बोली और समझी जाती है। इसका साहित्यिक इतिहास बहुत समृद्ध है। महादेवी वर्मा, रवींद्रनाथ टैगोर, शरतचंद चट्टोपाध्याय, रामधारी सिंह दिनकर, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला और मुंशी प्रेमचंद जैसे महान कवियों और साहित्यकारों ने हिंदी साहित्य को विश्व स्तर पर प्रसिद्धि दिलाई है। आइए जानते है हिंदी दिवस का महत्व?
औपचारिक भाषा– साल 1949 में 14 सितंबर के दिन भारत की संविधान सभा ने हिंदी को देश की औपचारिक भाषा का दर्जा दिया था।
हिंदी दिवस मनाना– हमारे पहले प्रधानमंत्री जबाहरलाल नेहरू ने 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया था।
हिंदी दिवस का उद्देश्य– हिंदी दिवस मनाने का उद्देश्य हिंदी भाषा के प्रयोग को बढ़ावा देना और लोगों को हिंदी का महत्व समझाना था।
हिंदी संबंधित कार्यक्रम– में हिंदी के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए स्कूल और कॉलेजों में विभिन्न तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते है।