पटना: हिन्दू धर्म में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिवस को जन्माष्टमी के तौर पर मनाया जाता है, तो वहीं राधा जी का जिस दिन जन्म हुआ था, उस तिथि को हम भक्त राधा अष्टमी पर्व के रूप में मनाते आ रहे हैं। यह त्योहार भादो मास में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।
11 सितंबर को राधा अष्टमी
इस पर्व को देश के सभी राधाकृष्ण मंदिरों में बहुत ही हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है, लेकिन बरसाना, वृंदावन और रावल में इस त्योहार को विशेष तौर पर मनाया जाता है। त्योहार के मौके पर भक्तों की भारी भीड़ जुटती है। इस वर्ष 11 सितंबर को यह त्योहार मनाया जाएगा। ऐसे में चलिए जानते है व्रत के दिन किशोरी जी को कौन सी चीजें बेहद प्रिय है, जिसे चढ़ाने से भक्तों को जीवन में सुख शांति आती है।
किशोरी जी के कई नाम
राधा जी के अनेक नाम हैं। उन्हें किशोरी जी, लाडली जी, राधा रानी, ऊंची अटारी वाली, कृष्णप्रिया, श्री वृषभानु दुलारी आदि अनेक नामों से जाना जाता है। राधा जी स्वयं प्रेम का प्रतीक मानी जाती हैं। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से उनकी पूजा करता है, उसका जीवन प्रेम और खुशियों से भर जाता है। राधा रानी की पूजा और प्रार्थना करने से व्यक्ति का आत्म-ज्ञान, भक्ति और प्रेम बढ़ता है।
पूजा के दौरान चढ़ाएं ये वस्तु
बांसुरी: राधा जी को भगवान कृष्ण की आह्लादिनी (लोगों को खुश करने वाली) कहा जाता है। इसके बाद भगवान कृष्ण की दूसरी सबसे प्रिय चीज़ बांसुरी है। ऐसा कहा जाता है कि जब भी कृष्ण बांसुरी बजाते थे, तो राधा रानी की आवाज़ उसकी धुन के रूप में प्रसारित होती थी। मान्यता है कि राधा रानी को बांसुरी अर्पित करने से वे शीघ्र प्रसन्न होती हैं और मनोकामनाएं पूरी करती हैं।
रंग-बिरंगे फूल और माला चढ़ाएं
व्रत वाले दिन लाडली जी को रंग-बिरंगे फूल का माला तैयार कर उन्हे पहनाएं। इस उपाय को खास उपाय बताया गया है, क्योंकि राधा रानी को सुंदर, ताजे और रंग-बिरंगे फूल बेहद प्रिय हैं। राधाष्टमी के अवसर पर किशोरी जी को गुलाब, मोगरा, और चंपा के फूल अवश्य चढ़ाएं। इन फूलों से राधा रानी की मूर्ति को सजाएं और उनकी पूजा अर्चना करें। यह एक आसान लेकिन बहुत प्रभावी उपाय है, जिससे आपके जीवन में किशोरी जी की कृपा हमेशा बरसती है।
किशोरी जी को जरूर चढ़ाएं चूड़ा
बता दें कि किशोरी जी बेहद दयालु हैं। उनेके भीतर इतनी दया की भावना है कि वे अपने भक्तों को कभी भी निराश नहीं देख पाती हैं। उन्हें खुश करने के लिए राधाष्टमी के अवसर पर श्री राधा जी को हाथ में पहनने वाले चूड़ा जरूर चढ़ाएं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान कृष्ण को राधा जी के हाथ में कड़े बेहद प्रिय है ।
घी का दीपक जलाएं
राधा अष्टमी की पूजा के दौरान गाय के घी का दीपक जलाने का भी बहुत महत्व है। इस दिन घी का दीपक जलाने और राधा रानी की आरती करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। ऐसा माना जाता है कि इससे राधा रानी का आशीर्वाद मिलता है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।
मोर पंख चढ़ाएं
मोर पंख भगवान श्रीकृष्ण को अत्यंत प्रिय वस्तुओं में से एक है। मोर पंख उनके प्रेम और भक्ति का प्रतीक है। इसलिए लाड़ली जी को भी यह बहुत पसंद है। साथ ही मोर पंख को सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसे पूजा में शामिल करने से भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि आती है। राधा अष्टमी के दिन इसे अर्पित करने से जीवन में खुशियां ही खुशियां आती है।